Wildlife Photographer, Conservationist, Travelor and Nature Lover जंतुविज्ञान परास्नातक, लखनऊ विश्वविद्यालय व्यवसाय: औषधि विपणन अभिरुचि: फोटोग्राफी ब्लॉग: The Free Bird आजाद पंछी

Cotton Teal गिर्री (जोड़ा), चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू नदी का कछार,माझा, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, August 01, 2019

Cotton Teal गिर्री

गिर्री भारत की वृक्ष पर रहने वाली बतखों में सबसे छोटी बतख है। इसे ग्राम-देहात में बाबा तरवा भी कहा जाता है। यह उड़ने के साथ-साथ डुबकी लगाने में भी निपुण होती है।

Common Iora सौबिगा (नर), चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू नदी का कछार,माझा, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, July 28, 2019

Common Iora सौबिगा

सौबिगा भारत का बहुत परिचित पक्षी है जिसे वाटिकाओं में प्राय: देखा जा सकता है। यह जोड़ों में या ४-५ के झुण्ड में भी दिखाई पड़ जाता है। इसकी अवाज बहुत सुरीली होती है।

Marsh Harrier कुतर

कुतर भारत में अपना प्रवास पूरा करके यूरोप और एशिया के अन्य शीत देशों में जाकर प्रजनन करते हैं। अफ्रीका और भारत इनका प्रजनन क्षेत्र नहीं है परन्तु उत्तर भारत में कुछ स्थानों पर इनके नीड़ अप्रैल में देखे गए हैं।

Verditer Flycatcher निलकटकटिया, चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, गुप्तार घाट, कम्पनी गार्डन, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, October 07, 2018

Verditer Flycatcher निलकटकटिया

Verditer Flycatcher निलकटकटिया एक साहसी, निडर, सुन्दर व चञ्चल पक्षी है जिसका रंग नीलप्रस्तर समान कान्‍तिमान एवं नर की आँखों से चोंच तक काला गण्ड होता है।

Indian Stone-Curlew कर्वानक। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू आर्द्र भूमि, माझा, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, June 03, 2018

Indian Stone-Curlew कर्वानक

टिटहरी जैसा दिखने वाला कर्वानक भारत का प्रसिद्ध पक्षी है। इसका विशाल सर, विशाल पीतवर्णी नेत्र, लम्बी-मोटी एवं पीली टांगों से ये दूर से पहचाना जा सकता है।

Greater Painted Snipe ओहारी। मादा (बैठे हुए), नर (खड़े हुए) चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू आर्द्र भूमि, माझा, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, May 21, 2019

Greater Painted Snipe ओहारी

Greater Painted Snipe ओहारी, इस पक्षी की आँखें बहुत सुन्दर होती हैं। कहते हैं कि चण्ड अशोक के पुत्र कुणाल का नाम इस पक्षी की सुन्दर आँखों से समता के कारण पड़ा था, जिन्हें उसकी विमाता ने कामद्वेष वश निकलवा लिया था।

Ashy-Crowned Sparrow Lark देयोरा। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू आर्द्र भूमि, माझा, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, November 11, 2017

Ashy-Crowned Sparrow Lark देयोरा

देयोरा भारत की बारहमासी चिड़िया है। ऊसर बाघेरी अपने नाम के अनुरूप खुले मैदानों और ऊसर क्षेत्र में रहने वाली चिड़िया है, इसे जंगल किञ्चित भी प्रिय नहीं है।

Indian White-Eye बबूना, चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, गुप्तार घाट, कम्पनी गार्डन, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, March 31, 2019

Indian White-Eye बबूना

बबूना लगभग ४ इंच की एक छोटी सी सुन्दर एवं बहुत ही चञ्चल चिरैया है। इसके नेत्रों के ऊपर एक श्वेत वलय होता है। शरीर का वर्ण पीत-हरिताभ पराग कण सम होता है।

Indian White Ibis कचाटोर, चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, समदा झील, सुचित्तागंज, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, March 10, 2019

Indian White Ibis / Black-Headed Ibis कचाटोर

कचाटोर का संस्कृत ‘शराटिका’ नाम शर/सरोवर में अट्‍ अर्थात भ्रमण के कारण पड़ा है। बक जाति के इस पक्षी का उल्लेख अमरकोश में मिलता है। इसके अन्य नाम दात्यूह, कालकण्ठक, ध्वाङ्क्ष एवं धूङ्क्षणा हैं। कचाटोर संज्ञा की व्युत्पत्ति इस प्रकार है – कचाटु:>कचाटुर>कचाटोर। कच केश या सिर के किसी चिह्न को कहते हैं। श्वेत वर्ण के इस पक्षी का आधे गले सहित काला शिरोभाग ऐसा प्रतीत होता है मानों आग से झौंसाया सिर लिये भटक रहा हो, कचाटु: की व्युत्पत्ति इसी से है – कचेन शुष्कव्रणेन सह अटति। ध्वाङ्क्ष एवं धूङ्क्षणा नामों के मूल में मिलन ऋतु में इसका धूम घोषी स्वर है – ध्वाङ्क्ष घोर वाशिते ।

Knob-Billed Duck नकटा, चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, समदा झील, सुचित्तागंज, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, March 10, 2019

Knob-Billed Duck नकटा

नकटा को जलाशयों के निकट वृक्षों पर रहना अधिक प्रिय है। अत: इसे पेड़ की बतख भी कहा जाता है। इसकी चोंच के ऊपर एक बड़ा सा उभार निकला होता है। इसी से इसका अभिजान सरल हो जाता है।

Common Redshank सुरमा, चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू आर्द्र भूमि, माझा, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, December 02, 2018

Common Redshank सुरमा

Common Redshank या सुरमा एक यूरेशियन पक्षी है जो भारत में लद्दाख हिम क्षेत्र में रहता है परन्तु शीत ऋतु के हिमपात वृद्धि होने पर भारत के अन्य क्षेत्रों में आ जाता है एवं मार्च माह तक शीत ऋतु बीतने पर पुन: हिम पर्वत क्षेत्र में लौट जाता है।

Red-crested Pochard (Male) लालसर (नर), चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, समदा झील, सोहावल, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, January 29, 2019

Red-crested Pochard लालसर

Red-crested Pochard लालसर एक पनडुब्बी बतख है जो भारत का ऋतु-प्रवासी पक्षी है। शीतकाल प्रारम्भ होते ही उत्तर में पञ्जाब से लेकर दक्षिण के हैदराबाद तक आता है।

Greylag Goose कलहंस, चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, समदा झील, सोहावल, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, January 19, 2019 & January 20, 2019

Greylag Goose कलहंस

धूसर (grey) एवं श्याव (भूरा), ये दो रंग भारत में इस पक्षी के हंस से भिन्न अभिज्ञान हेतु प्रयुक्त होते रहे। हंस संस्कृत एवं भारतीय साहित्य तथा आख्यानों, पुराणों, कथाओं आदि में इस देश के मानस में गुम्फित रहा है।

Great Crested Grebe शिवहंस

शिवहंस ग्रेब(पनडुब्बी) परिवार का सबसे बड़ा पक्षी है। परन्तु प्रजनन काल में नर के सिर पर एक काली चोटी निकल आती है और गले का भाग कत्थई चटक रंग का हो जाता है।

Long-Legged Buzzard मुसमार चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू आर्द्र भूमि, माझा, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, November 30, 2018

Long-Legged Buzzard मुसमार

Long-Legged Buzzard मुसमार एक जड़ एवं स्थूल शरीर का पक्षी है जो किसी वृक्ष या टीले पर शान्‍त बैठा रहता है। देह का ऊपरी भाग पिङ्गल (भूरा),  डैने के सिरे तनु कृष्णाभ पिङ्गल एवं नीचे का भाग श्वेत।  उड़ते समय इसकी गोल पूँछ पसरी रहती है।

Painted Stork जांघिल। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू आर्द्र भूमि, माझा, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, November 30, 2018

Painted Stork जांघिल

जांघिल का जीवनकाल २०-३० साल का होता है। ये नीड़ का निर्माण प्राय: कॉलोनी स्वरूप में करते हैं। अन्य बगुलों और पेलिकन के साथ भी नीड़ निर्माण कर लेते हैं।

Spotted Owlet उल्लू। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू आर्द्र भूमि, माझा, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, April 04, 2017

Spotted Owlet उल्लू

विराम दे दे यह पाँच प्रकार के स्वर निकालता है। इसके स्वर को शुभ माना गया। अन्य नाम पिङ्गचक्षु, पिङ्गेक्षण आदि हैं। क्वयी एवं पिङ्ग नाम भी मिलते हैं। पञ्चतन्त्र का कृकालिका भी यही पक्षी है।