Valmikiya Ramayan प्रमदावन विध्वंसक हनुमान

Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण-43, [अहिरेव अहेः पादान्विजानाति]

Valmikiya Ramayan अत्याचारी स्वामी के सेवक उसकी मानसिक दुर्बलताओं एवं आशंकाओं का प्रयोग उसे मतिभ्रमित कर समस्या से ध्यान हटा स्वयं को बचाने हेतु करते हैं।

Valmikiya Ramayan प्रमदावन विध्वंसक हनुमान

Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण-42, सुन्‍दरकाण्ड [समर्थोऽर्थसाधने]

Valmikiya Ramayan : लघुतम कर्म की भी सिद्धि के लिये भी कोई एकल साधक हेतु नहीं। किसी कार्य को जो बहुविध सिद्ध करना जानता हो, कार्यसाधन में वही समर्थ होता है।

Indian White Ibis कचाटोर, चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, समदा झील, सुचित्तागंज, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, March 10, 2019

Indian White Ibis / Black-Headed Ibis कचाटोर

कचाटोर का संस्कृत ‘शराटिका’ नाम शर/सरोवर में अट्‍ अर्थात भ्रमण के कारण पड़ा है। बक जाति के इस पक्षी का उल्लेख अमरकोश में मिलता है। इसके अन्य नाम दात्यूह, कालकण्ठक, ध्वाङ्क्ष एवं धूङ्क्षणा हैं। कचाटोर संज्ञा की व्युत्पत्ति इस प्रकार है – कचाटु:>कचाटुर>कचाटोर। कच केश या सिर के किसी चिह्न को कहते हैं। श्वेत वर्ण के इस पक्षी का आधे गले सहित काला शिरोभाग ऐसा प्रतीत होता है मानों आग से झौंसाया सिर लिये भटक रहा हो, कचाटु: की व्युत्पत्ति इसी से है – कचेन शुष्कव्रणेन सह अटति। ध्वाङ्क्ष एवं धूङ्क्षणा नामों के मूल में मिलन ऋतु में इसका धूम घोषी स्वर है – ध्वाङ्क्ष घोर वाशिते ।

monotheism vs polytheism

Sanātana Darśana Monotheism Polytheism कति देवाः? : सनातन बोध – 50

Sanātana Darśana Monotheism Polytheism कति देवाः? आठ वसु, एकादश रुद्र, द्वादश आदित्य, इन्‍द्र एवं प्रजापति, कुल तैंतिस। पूरा प्रकरण एक ऐसी प्रवाहमान धारा को इङ्गित करता है जिसकी पूरी व्याख्या अब अनुपलब्ध है।

ऋग्वैदिक पक्थ, एक भारतीय ‘हिन्‍दू पश्तून’ युवती : Tiny Lamps लघु दीप – 23

पीढ़ियाँ बीतीं, समय पहुँचा एक हिंदू पश्तून शिल्पी बत्रा तक जिसे पञ्जाबी बता कर पाला पोसा गया था। भारत आये पुरखों ने अपना अभिजान छिपा लिया था।

नव संवत्सर पर – दूरगामी एवं व्यापक हित हेतु सोच समझ कर मतदान करें।

ऐसी सरकार चुनने हेतु मतदान करें जिस पर आगे के सुधारों हेतु आप दबाव बना सकें — श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मन्‍दिर निर्माण हेतु, भीषण गति से बढ़ती अनुत्पादक जनसंख्या पर अंकुश हेतु, कैंसर बन चुके कश्मीर को सामान्य राज्य बनाने हेतु, शैक्षिक तंत्र में आमूल चूल परिवर्तन हेतु … समस्यायें अनेक हैं, सुलझी सरकार से ही सुलझनी हैं, लॉलीपॉप दे लुभाने वाली अकर्मण्य भ्रष्ट सरकार से नहीं। सरकार अर्थात सर्वकार, मतदान सोच समझ कर करें, अवश्य करें।

Valmiki Ramayan Sundarkand Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण

Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण-41, [शिवश्च तेऽध्वास्तु हरिप्रवीर]

अल्पशेषमिदं कार्यं दृष्टेयमसितेक्षणा देवी सीता का दर्शन तो कर लिया, अब मेरे इस कार्य का अल्प अंश शेष रह गया है। त्रीनुपायानतिक्रम्य चतुर्थ इह दृश्यते…

Valmiki Ramayan Sundarkand Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण

Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण-40, सुन्‍दरकाण्ड [समाधानं त्वं हि कार्यविदां वरः]

शत्रु की सामर्थ्य एवं सुदृढ़ स्थिति के योग्य प्रतिरोधी समक्ष थे, सीता सब जान लेना चाहती थीं, अपनी सेना की सामर्थ्य, सबसे पहले यह कि सेना इस पार आयेगी कैसे?

Babylonian and Indian Astronomy बेबिलॉन एवं भारतीय ज्योतिष – अन्तिम भाग

प्रतीत होता है कि सौर राशि चिह्नों को आज जैसा हम जानते हैं, उनका उद्भव भारत में हुआ जहाँ उनका सम्‍बन्‍ध नक्षत्रों के अधिष्ठाता देवताओं से है।

Holy Femme Fatales यत्र नार्यस्तु या कामिनी कंचन : सनातन बोध – 47

स्त्री-पुरुष में प्रकृति-प्रदत्त शारीरिक और प्रकृति के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए निर्मित विकासवादी-जनित कुछ मनोवैज्ञानिक भेद अवश्य हैं। जिनका पूर्ण अध्ययन अभी भी शेष है। स्त्री-पुरुष की कुछ ऐसी विशेषताएँ हैं जिन्हें हम सामान्यतया असमानता समझ लेते हैं। वास्तव में वो स्त्री-पुरुष की विशिष्टताएं हैं। इन विशिष्टताओं को श्रेष्ठ या निकृष्ट कह सौहार्द विखंडित करना अनुचित एवं मूर्खता है।

Mahashivratri Shivalya शिवालय

Mahashivratri महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी/चतुर्दशी

पंच ज्ञानेन्द्रियां (आँख, कान, नाक, त्वचा और जिह्वा), पंच कर्मेन्द्रियां (वाणी, हाथ, पैर, गुदा और उपस्थ), चार अन्त:करण (मन, बुद्धि, चित्त, और अहंकार) – इन चतुर्दश (चौदह) का समुचित नियंत्रण, संयम, संचालन ही ‘शिवरात्रि-व्रत’ है।

जम्मू-कश्मीर का विधान: महाराजा रणजीत सिंह से आगे।

जम्मू-कश्मीर के विधान को व्यवस्थित एवं कालानुक्रमिक रूप से  समझने हेतु हमें वाद-विवाद से किञ्चित हटकर समस्त निम्न प्रलेखों एवं उनसे सम्बंधित राजनैतिक घटनाक्रम के विषय में जानना अपरिहार्य है।

पाकिस्तान – समस्या का आविर्भाव और समाधान

हमें कई असुविधाजनक प्रश्नों के समक्ष खड़े होना होगा जिनसे हम जाने अनजाने मुँह छिपा ले जाते हैं। यह भी स्पष्ट है कि हम युद्ध के लिये तत्पर नहीं हैं। हम एक थोपा हुआ युद्ध लड़ रहे हैं और अंततः विजय हमारी ही होगी। यतो धर्मस्ततो जयः।

Valmiki Ramayan Sundarkand Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण

Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण -39, सुन्‍दरकाण्ड [ त्वया नाथवती नाथ ह्यनाथा इव दृश्यते]

विवाहिता नारी द्वारा बहुधा जो बातें पति से नहीं कही जातीं, देवर के माध्यम से बता दी जाती हैं – प्रियो रामस्य लक्ष्मणः, यथा हि वानरश्रेष्ठ दुःखक्षयकरो भवेत्।

Red-crested Pochard (Male) लालसर (नर), चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, समदा झील, सोहावल, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, January 29, 2019

Red-crested Pochard लालसर

Red-crested Pochard लालसर एक पनडुब्बी बतख है जो भारत का ऋतु-प्रवासी पक्षी है। शीतकाल प्रारम्भ होते ही उत्तर में पञ्जाब से लेकर दक्षिण के हैदराबाद तक आता है।

माघ स्नान

माघ मास में जल का यह कहना है की जो सूर्योदय होते ही मुझमें स्नान करता है, उसके ब्रह्महत्या, सुरापान आदि बड़े से बड़े पाप भी हम तत्काल धोकर उसे सर्वथा शुद्ध एवं पवित्र कर डालते हैं।माघ मास में प्रयाग संगम में स्नान का विशेष महत्व है।

Demographic Jihad जनसंख्या जिहाद की चपेट में भारत

देश एक दिन में नहीं कटते बँटते, सरल भी नहीं होता किन्‍तु यह दारुण सत्य है कि किसी देश में मूलवासियों के धर्म, संस्कृति एवं आस्था का मर्दन करने के साथ साथ आक्रामक विनाशी विचारों की बाढ़ हो तथा बहुविध सुनियोजित षड्यंत्रों, योजनाओं के साथ उदारता एवं विधि विधानों का पूर्ण लाभ लेते हुये समूह लगे रहें तो विखण्डन साध्य हो जाता है। भारत इस सत्य का बड़ा प्रमाण है।

काशी में मोदी – सोशल मीडिया से : Tiny Lamps लघु दीप – 21

काशी में चल रहे विकास को ले कर आज कल लोग दो भागों में बँटे हुये हैं, कुछ समर्थन में हैं तो कुछ विरोध में। विकास कार्य जिस विश्वनाथ मन्दिर क्षेत्र में हो रहे हैं, उससे बहुत दूर लंका क्षेत्र में पुनर्निर्माण हेतु एक पुराने भवन को स्वामी द्वारा गिराये जाने एवं नवनर्माण के समय खुदाई के समय मिले अनेक अनगढ़ शिवलिंगों के मिलने से राजनीति तप उठी।

Valmiki Ramayan Sundarkand Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण

Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण -38, सुन्‍दरकाण्ड [सामर्थ्यादात्मन: च]

देवी सीता के वचन सुन कर वाक्यविशारद कपिश्रेष्ठ हनुमान को सन्तोष हुआ एवं कहने लगे,” हे शुभदर्शना देवी ! आप ने जो कुछ कहा वह एक साध्वी एवं विनयसम्‍पन्न स्त्री के स्वभाव अनुसार है। पीठ पर अधिष्ठित हो विस्तीर्ण शतयोजनी सागर पारने में एक स्त्री समर्थ नहीं ही होगी।