राष्ट्र की ‘शक्ति’ पूजा

राष्ट्र की ‘शक्ति’ पूजा : मौलिक कल्पना

राष्ट्र की ‘शक्ति’ पूजा :शक्ति निस्तेज है यदि वह सैन्यबल का समुचित उपयोग न कर सके। यह मौलिक शक्ति कल्पना महती आवश्यकता है।

आपणी बात : रक्षा, संरक्षण और सुरक्षा

आशा है कि भारत में और वैश्विक स्तर पर भी उभरे रक्षा, सुरक्षा और संरक्षण के स्वर आने वाले वर्षों में इस संकट के उन्मूलन में सफल होंगे और मानव की स्वयं को समृद्ध और सुखी बनाने वाली नवोन्मेषी यात्रा ऐसे ही नये लक्ष्य अर्जित करती रहेगी।