शुनःशेप ऐतरेय ब्राह्मण आख्यान : ठिठके प्रश्न, भटकते उत्तर
एक था शुनःशेप, वरुण की वेधशाला का अभ्यर्थी, जिसे स्वयं नहीं ज्ञात था कि वह अभ्यर्थी भी है और दूसरे थे वरुण की वेधशाला के वर्तमान कुलपति ऋषि विश्वामित्र जो अभ्यर्थी की परीक्षा ले रहे थे।
एक था शुनःशेप, वरुण की वेधशाला का अभ्यर्थी, जिसे स्वयं नहीं ज्ञात था कि वह अभ्यर्थी भी है और दूसरे थे वरुण की वेधशाला के वर्तमान कुलपति ऋषि विश्वामित्र जो अभ्यर्थी की परीक्षा ले रहे थे।