संस्कृत संस्कृति संस्कार

संस्कृत संस्कृति संस्कार : शब्द – ६

आज श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को सभी संस्कृतप्रेमी संस्कृत-दिवस का आयोजन कर रहे हैं। कहा गया है- “संस्कृति: संस्कृताश्रिता” अर्थात् ‌ भारत की संस्कृति संस्कृत भाषा पर ही आश्रित या निर्भर है।

Can Shame be Useful ? लज्जा का नियतभाव एवं धर्म : सनातन बोध – 33

Can Shame be Useful? लज्जा के विधायी प्रभाव एवं धर्म। मानव व्यवहार में परिवर्तन हेतु तर्कपूर्ण आंकड़ों और तथ्यों से अधिक प्रभावी सामाजिक संस्कार ही होते हैं। अध्ययन का सबसे रोचक निष्कर्ष यह था कि जो लोग अल्पाल्प नियंत्रण में रहते हैं, जिनके बन्धन और दायित्व अपेक्षतया न्यून होते हैं अर्थात जो व्यक्तिगत रूप से अधिक स्वतंत्र हैं उनके आत्महत्या करने की सम्भावना उतनी ही प्रबल भी होती है।

यज्ञोपवीत संस्कार : अवधी लोकगीतों में अभिव्यक्ति

डॉ. अनीता शुक्ल हिंदी विभाग, महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, बड़ौदा _______________________________________ वर्णाश्रमों में विभाजित भारतीय सामाजिक जीवन में पुत्र का अत्यंत महत्व है। पुत्र वंश को बढ़ाता है, पितृ ऋण से उऋण करता है – ‘पुनाति य: सुचरितै: पितरं स पुत्र:’। ऐतरेय ब्राह्मण में कहा गया है:  ऋणमस्मिन् संनयत्यमृतत्वं च गच्छति। पिता पुत्रस्य जातस्य पश्येच्चेज्जीवतो मुखम्॥…