शून्य – 3
शून्य – 1, शून्य – 2 से आगे … ‘शून्य’ की प्रथम स्पष्ट गणितीय परिभाषा ब्रह्मगुप्त (628 ई.) के ब्राह्मस्फुटसिद्धान्त में मिलती है। यह वह युग था जब अंकगणित, बीजगणित और ज्यामिति वेदांग ज्योतिष से अलग गणित के रूप में लगभग स्वतंत्र पहचान बना चुके थे। आर्यभटीय ज्योतिष का पहला ग्रन्थ है जिसमें गणित के…