अथातो ब्रह्म जिज्ञासा

गिरिजेश जी के प्रयासों में भी मूल भावना जिज्ञासा ही थी। हम भी इस जिज्ञासा की यज्ञाग्नि प्रज्वलित रखें तथा उन्हीं के सदृश ओरों को भी इसी मार्ग के यात्री बनने में सहायता करें। यही उनके प्रति वास्तविक श्रद्धाञ्जलि होगी।
जब ज्ञान प्राप्ति एवं सनातन धर्म की रक्षा के मार्ग कण्टकाकीर्ण लगें तो यह तथ्य आत्मसात करें कि मार्ग में मिलने वाले वृक्षों की छाया यात्री का पथ्य नहीं होती।

सनातन धर्म

सनातन धर्म का प्रसार आवश्यक – अंतिम भाग: [मूल – मरिया विर्थ, अनुवाद – भूमिका ठाकोर]

सनातन धर्म का प्रसार आवश्यक : यह लेख Maria Wirth के मूल आलेख ‘Hindu Dharma needs to spread‘ का अनुवाद है। मूल आलेख यहाँ देखा जा सकता है: https://mariawirthblog.wordpress.com/2016/09/02/hindu-dharma-needs-to-spread/। दो भागों में प्रस्तुत किये गये इस आलेख में लेखिका ने बहुत ही सरलता से सनातन धर्म के विरुद्ध जारी षड़यंत्र और धर्म के प्रसार की…