पाव पौना सवा डेढ़ ढाई साढ़े षोडशी ललिता त्रिपुरसुन्दरी सिनीवाली उत्पत्ति व्युत्पत्ति

पाव पौना सवा डेढ़ ढाई साढ़े षोडशी ललिता त्रिपुरसुन्दरी सिनीवाली उत्पत्ति व्युत्पत्ति

यद्यपि भारतीय गणना-पद्धति प्रारम्भ से ही दाशमिक प्रणाली आधारित रही है तथापि भारतीय गणना-कर्म में षोडश पद्धति का भी बहुत प्रचलन रहा है। षोडश पद्धति अर्थात् सोलह को आधार (base) मान कर की जाने वाली गणना। प्राचीन भारत में शास्त्रीय गणित भले दस के गुणक में चले, व्यवहार गणित तो चार, आठ, सोलह, बत्तीस की शैली में ही चला करता था जो परम्परा अभी भी पूर्णतः समाप्त नहीं हुई है।