प्रेम – एक लघुकथा
प्रेम – एक लघुकथा अनुराग शर्मा “ए हरिया, कहाँ है तेरी घरवाली? कल रात क्यों लड़ रहा था उससे?” रात को सर्वेंट क्वार्टर से आती आवाज़ों के बारे में मैंने चौकीदार हरिया से पूछा। “मैं नहीं लड़ता हूँ मालिक। उसी ने मुझसे झगड़ा करने के बाद अपने भाई को बुलाया और उसके साथ मायके चली गई।” “और अब…