Do educated Muslims ever wonder why Muslims fight with every religion around the world?

(सिर्फ़) अल्लाह ही ‘बेस्ट’ जानता है? God Knows Best? पढ़ा लिखा मुसलमान!!

मैंने एक बार एक हिजाब धारण करनेवाले पोस्ट-डॉक्टोरल शोध विद्वान से पूछा क्या वह मानती है कि स्वामी विवेकानंद जैसे उत्कृष्ट हिंदुओं को भी अनन्त काल के लिए नरकाग्नि में डाल दिया जाएगा? मैंने उससे यह भी कहा कि जिस धर्म में मैं पली-बढ़ी हूं, वह इस्लाम जैसा ही दृष्टिकोण रखता है, लेकिन मैं अब उसे नहीं मानती।

उसका संक्षिप्त उत्तर था: “अल्लाह सबसे अच्छा जानता है।”

Ecological and environmental role to Monotheism and Polytheism of Anthropologies

स्वर्ग व दैवत मत परिवेशजन्य : सनातन बोध – ९०

नृविज्ञान में १९६० से प्रारम्भ हुए शोधों में एक रोचक सिद्धांत यह निकला कि मरुभूमि तथा शस्य-श्यामला धरती वाले वर्षा-वन में रहे पूर्वज वाले मानवों की धार्मिक तथा सांस्कृतिक मान्यताएँ भिन्न होते हैं। वैश्विक स्तर पर एकेश्वरवाद प्रसार वैविध्य की दृष्टि से अपेक्षतया संकेंद्रित है जोकि मरुस्थली पशुचारियों में व्यनुपाती रूप से अधिक पाया जाता है, जबकि वनप्रांतर में रहने वालों के असामान्य रूप से बहुदेववादी होने की सम्भावना अधिक रहती है।