यः ज्ञः एन कल्पन्ताम् – ललित और गणित का घालमेल

यः ज्ञः एन कल्पन्ताम् – ललित और गणित का घालमेल या कुछ और भी?

प्रश्न तो यह उठना चाहिये कि क्या वैदिक ऋषि इन मन्त्रों द्वारा गणित के एक महत्वपूर्ण सूत्र को व्यक्त करने हेतु, भाषा गणित की और शैली ललित की, चुन कर अपनी संततियों को अपने ज्ञान के आगार के रहस्यमय तालयन्त्र की कोई गुप्त कुञ्चिका दे गया था जिसे उसकी संततियों ने अज्ञानवश, प्रमादवश, अविश्वासवश, या काल के क्रम में कहीं खो दिया?

वेद से लिपि का उद्भव तथा वर्गीकरण Scripts - Vedic Origin & Classification

वेद से लिपि का उद्भव तथा वर्गीकरण Scripts – Vedic Origin & Classification

ऋग्वेद के प्रथम सूक्त के दो शब्दों का व्यवहार केवल तमिल-तेलुगू में होता है – दोषा = रात, वस्ता = दिन। इसकी वृद्धि कर्णाटक में हुयी।

सौत्रामणियागस्य स्वरूपम्

मनुना प्रोक्तं यत् वेदाः अस्माकं पथप्रदर्शकाः जीवनविद्यायिकाः एकमात्रं शरणाश्च सन्ति । वेदाः एव धर्मस्य प्रतिपादकाः । वस्तुतस्तु सर्वेषां धर्माणां मूलं वेदाः ।