एञ्जिओ देवि
सा बाला ! भवान् जानासि वा ?
सा का इति भवान् जानासि वा? सा जानुपर्यन्तं शुद्ध चर्म पादत्राणं धारयति। एषा बाला मुण्डोपरि रे-बेन उपनेत्रं धारयति सर्वदा। विचित्रवर्ण ओष्ठरागः, कज्जलिका, पिष्टि समेता सर्व रूपसज्जायुक्ता सा बाला भवान् न जानासि? वाण्याः आङ्ग्लभाषायां वादिन् एषा बाला तीव्र वेगेन कटु अपशब्दमपि वक्तुं समर्था। एकस्मिन् करे बिसलरि जलकूपी अपरस्मिन महत् बहुमुल्यंच चलदूरवाणि यन्त्र धात्री सा। इदानीमपि न ज्ञातुं शक्नोसि भवान्? तस्याः पिता एकस्मिन् संस्थायाः शीर्षाधिकारी नगरस्य श्रेष्ठ वार्त्तिकः वा वर्तते। दरिद्राणां हितलाभाय(?) तेषां लघु कुटीरान् गमनागमनाय दीर्घ कृष्ण ‘मर्सिडीस’ कारयानेन तस्याः रथिक सहिता नित्यं उद्यता सा। सा महिमामयी बाला ‘पेटा’ सदृश बहुषु अशासकीय संस्थाषु संबद्धा। सांयकाले एषा बालिका नगरस्य कस्मिन् प्रतिष्ठित गोष्ठिगृहे शुण्डापानगृहे वा स्वमित्रान् सह कुक्कुटशावकस्य अजमांसस्य वा भक्षिवन् दरिद्राणां दुखाः विमर्शयति।
उपरोक्तानि सर्वाणि गुणावागुण सम्मिलिता एषा बाला अहं तु जानामि, आङ्ग्लभाषा दैनिक समाचारपत्रस्य तृतीयपृष्ठोपरि तस्याः सामाजिक कार्याणि सततं प्रकाशयन्ति।
सा बाला अशासकीय संस्था बाला एञ्जिओ (NGO) देवि अस्ति। यत्र-कुत्रोऽपि भवन्तः एषां देवीं मिलथ नमस्कारान् समर्पणं कुर्यात् इति मम प्रार्थना। अन्यथा सा देवि रुष्टा जाता, भवतः कृते कारागारस्य व्यवस्था कर्तुं शक्नोति।
यया विना जगत्सर्वं जगत्प्राणि न रक्षिता, दरिद्राणां दुखेन दुखिता सा मद्योऽपि पिबति।
कौमारि रूप सज्जायां कुक्कुटशावक भक्षिका, नमामि एञ्जियो (NGO) देवि औडी वाहन राजिता॥
हिन्दी अनुवाद
वह लड़की! क्या आप जानते हैं?
क्या आप जानते हैं वह कौन है? वह घुटनों तक शुद्ध चमड़े के जूते पहनती है। वह लड़की हमेशा अपने सिर पर रे-बेन का चश्मा लगाती है। विचित्र रंग की लिपस्टिक, काजल, क्रीम इत्यादि सभी चीजों से मेकअप किये हुए उस लड़की को आप जानते हैं क्या? वह लड़की अंग्रेजी में बहुत तेजी से कड़वी गालियाँ देने में भी समर्थ है। एक हाथ में बिसलरी की बोतल और दूसरे में बड़ा और महंगा मोबाइल उसके हाथ में है। अभी भी आप नहीं जान पाए? उसके पिता एक संस्था के उच्च पदाधिकारी हैं या नगर के बड़े सेठ हैं। गरीब लोगों के भले के लिए उनकी झोंपड़ीयों में आने-जाने के लिए वह अपनी बड़ी काली ‘मर्सिडीज’ कार से ड्राइवर के साथ वह हमेशा तैयार रहती है। वह यशस्वी लड़की ‘पेटा’ जैसे कई NGO से सम्बद्ध है। शाम के समय यह लड़की नगर के किसी प्रतिष्ठित क्लब या पब में अपने मित्रों के साथ चिकेन या मटन खाते हुये उन दरिद्र लोगों के दुखों की चर्चा करती है।
ऊपर लिखे सभी गुण और अवगुणों वाली इस लड़की को मैं तो जानता हूँ, अंग्रेजी समाचारपत्र के तीसरे पेज पर उसके सामाजिक कार्यों का लगातार प्रकाशन होता है।
वह लड़की अशासकीय संस्था वाली ‘एन जी ओ (NGO)’ देवी है। जहाँ कहीं भी आप इन देवी को मिलें, नमस्कार करें यह मेरी प्रार्थना है। नहीं तो ये देवी रुष्ट होने पर आपके लिए जेल की व्यवस्था करने में भी समर्थ हैं।
लेखक: अलंकार शर्मा शिक्षा: गणित स्नातक, स्नातकोत्तर कंप्यूटर विज्ञान, आचार्य – फलित ज्योतिष संयोजन: पं. बैजनाथ शर्मा प्राच्य विद्या शोध संस्थान का कार्यभार सम्पादक: प्राच्य मञ्जूषा |
उत्तम लेख
NGO का तिया पाँचा