![](https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/3/35/Natan_Alterman.jpg)
नेटन ऑल्टरमैन
और धरा थमती जाती है,
अम्बर का रक्ताभ नयन भी शांत हो रहा
धूम्राच्छादित सीमा पर जाकर राष्ट्र उठा जब,
फटा हुआ दिल, साँस ले रहा,
आशा है बस चमत्कार की, चमत्कार बस
और उठेगा, पर्व निकट आने दो,
और बढ़ेगा, उन्नत चंद्रकिरण में होगा,
संंत्रास और आनंद से घिरा
कदमताल कर
एक तरुण, और एक षोडषी
आ पहुँचेंगे ठीक सामने
योद्धा का गणवेश धूसरित,
पदत्राण कीचमय,
तय करते वे मार्ग शांति से
समय नहीं परिधान बदलते,
भ्रूस्वेद हटा पाते वे अपना
पंजर बोझिल है, रण के श्रम से,
दिन और रातों की क्लांति बहुत है
शांति नहीं है
,![](https://maghaa.com/wp-content/uploads/2017/08/soldiers-197797_640-300x206.jpg)
तेज बना यौवन की शबनम
माथे पर उनके दिखता है
सावधान मुद्रा में स्थित,
लगते मुक्त मरण- जीवन से
अश्रु और विस्मय से भरकर
राष्ट्र अगर परिचय माँगेगा
शांतभाव से यही कहेंगे,
“राष्ट्र यहूदी जहाँँ परोसा, चाँदी के थाल वही हैं”
धुंध से आकर धुंध में जाकर,
छाया में छाया फिर वापस
शेष कथा पौराणिक होकर,
याद करेगी – था इज़राइल
![](https://maghaa.com/wp-content/uploads/2017/08/lot-2387279_640.jpg)
नथन आल्टरमन (1967 – 2026 वि.), एक इज़राइली साहित्यकार थे। 2004 वि. (15/12/1947 ई.) को संयुक्त राष्ट्र संघ ने पैलेस्टाइन को विभाजित कर इज़राइल राष्ट्र की स्थापना करने का निर्णय लिया तो यह कहा गया कि ‘The state will not be given to the Jewish people on a silver platter’. इज़राइल की स्थापना न तो तब सरल समझी गई और न वास्तव में रही। शत्रुता के ऐतिहासिक कूड़े को माथे पर ढोते द्रोही पड़ोसियों से घिरे इस छोटे से देश ने अपनी सफलता के साथ समय की प्रस्तर भित्ति पर एक स्वर्णिम रेखा खींच दी। जाने कितने संघर्षों को इज़राइलियों का संघर्ष प्रेरणा देता रहा है और रहेगा।
आल्टरमन नवसृजित इज़राइल में बसने वाले पहले लोगों में थे और उपर्युक्त कथन से प्रेरणा ले अपनी प्रसिद्ध कविता ‘silver platter’ का सृजन किये। यह कविता नवोन्मेष और नवसृजन के लिये तप की उत्प्रेरक तो है ही, आक्रांता जिहादियों द्वारा धीरे धीरे निगली जा रही सभ्यताओं के लिये सचेतक भी है। कविता का भावानुवाद अनुराग शर्मा ने किया है। मूल हिब्रू पाठ नीचे दिया गया हैै : ![](https://maghaa.com/wp-content/uploads/2017/08/silver_platter_.gif)
Author: अनुराग शर्मा
http://smartindian.com/ एक बेहतरीन किस्सागो, कवि और विचारक अनुराग शर्मा की कथाएँ पाठकों को अपनी अंतिम पंक्ति तक बांधे रहने में सक्षम है। उनकी कहानी पढ़ते हुए अक्सर पाठक को निजी संस्मरण की अनुभूति होती है। एक पूर्णतः अप्रत्याशित अंत उनके कथालेखन की विशेषता है।
उत्तरप्रदेश में जन्मे अनुराग पढ़ाई और कामकाज के सिलसिले में भारत के विभिन्न राज्यों में रहे हैं। लिखना, पढ़ना, वार्ता, और सामाजिक संवाद उनकी अभिरुचि है। साहित्य की विभिन्न विधाओं में सतत लिखने वाले अनुराग ने हिन्दी अकादमी के प्रवासी काव्य संग्रह देशांतर तथा अंतर्राष्ट्रीय काव्य संकलन एसर्बिक एंथोलोजी सहित अनेक प्रतिष्ठित प्रकाशनों में स्थान पाया है। काव्य संग्रह 'पतझड़ सावन वसंत बहार' तथा खोजपरक अध्ययन 'इण्डिया एज़ एन आईटी सुपरपॉवर' प्रकाशित हो चुके हैं। अनुरागी मन उनका ताज़ा कथा-संग्रह है। उनके तकनीकी प्रपत्र अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में पढ़े गए हैं और प्रकाशित हुए हैं। वे सृजनगाथा और गर्भनाल पर पश्चिमी सभ्यता और संस्कृति के स्तंभकार रहे हैं। 'बांधों को तोड़ दो', 'वैरागी मन', 'प्रवासी मन', 'एन एलियन अमंग फ्लेशईटर्स' व 'सीक्रेट डायरी ऑफ एन एक्ज़ीक्यूटेड फ़्रीडम फाइटर' उनकी आगामी कृतियों के नाम हैं।
भारत से दूर रहते हुए भी 'पॉडकास्ट कवि सम्मेलन', 'शब्दों के चाक पर', 'सुनो कहानी' और 'बोलती कहानियाँ' जैसे स्वर-आकर्षणों का संचालन कर चुके अनुराग ने 'विनोबा भावे के गीता प्रवचन ' तथा प्रेमचन्द की कहानियों की ऑडियोबुक' को स्वर दिया है। उन्होने इंटरनैट पर चौबीसों घंटे चलने वाले भारतीय रेडियो स्टेशन की स्थापना भी की थी।
तिब्बत के मित्र, यूनाइटेड वे एवं निरामिष जैसे सामाजिक संगठनों से जुड़े अनुराग सन् 2005 की त्सुनामी में एक लाख डॉलर की सहायता राशि जुटाने वाली समिति के सक्रिय सदस्य थे। 'आनंद ही आनंद' संस्था द्वारा उन्हें 2015-16 का 'राष्ट्रीय भाष्य गौरव सम्मान' प्रदान किया गया था। वे महात्मा गांधी संस्थान, मॉरिशस द्वारा स्थापित प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय द्वैवार्षिक पुरस्कार 'आप्रवासी हिंदी साहित्य सृजन सम्मान' के प्रथम विजेता हैं।
आईटी प्रबंधन में स्नातकोत्तर अनुराग एक बैंकर रह चुके हैं और आजकल पिट्सबर्ग, अमेरिका में परियोजना प्रबन्धक हैं। लिंक्डइन पर उनका सूचना प्रौद्योगिकी सम्बंधी परिचय उपलब्ध है। वे हिंदी तथा अंग्रेज़ी में प्रकाशित मासिक पत्रिका सेतु के संस्थापक, प्रकाशक तथा प्रमुख सम्पादक हैं।
सम्प्रति:
रेडियो प्लेबैक इंडिया के सह संस्थापक
पिटरेडियो के संस्थापक व संचालक
सेतु पत्रिका के प्रमुख सम्पादक
निजी ब्लॉग: बर्ग वार्ता
वैबस्थल: स्मार्टइंडियन डॉट कॉम
प्रकाशित कृतियाँ:
अनुरागी मन (कथा संग्रह);
देशांतर (काव्य संकलन);
एसर्बिक ऐंथॉलॉजी (काव्य संकलन);
पतझड सावन वसंत बहार (काव्य संग्रह);
इंडिया ऐज़ ऐन आय टी सुपरपॉवर (अध्ययन);
विनोबा भावे के गीता प्रवचन की ऑडियोबुक;
सुनो कहानी;
प्रेमचन्द की कहानियों की ऑडियोबुक;
हिन्दी समय पर कहानियाँ;
तकनीक सम्बन्धी शोधपत्र तकनीकी पत्रिकाओं में;
कवितायें, कहानियाँ, साक्षात्कार, तथा आलेख अंतर्जाल पर, साहित्यिक पत्रिकाओं व हिन्दी समाचार पत्रों में प्रकाशित