बया Baya Weaverऔर उसके सुन्दर घोंसले। सर्वप्रिय सोन चिरी में नर कई घोंसले बनाने शुरू करता है पर जो घोंसला मादा को पसन्द आता है उसे ही पूरा किया जाता है।
वैज्ञानिक नाम: Ploceus philippinus
हिन्दी नाम: बया, सोन चिरैया (भोजपुरी), सुघारी (गुजराती ), बबुई (बंगाली ), सुग्रह्कर्ता (संस्कृत), टोकोरा, टोकोरा चिरई (असम)
चित्र स्थान और दिनाङ्क:
मांझा, सरयू नदी का कछार, अयोध्या फैजाबाद उत्तर प्रदेश(१६ जुलाई १७),
गैर प्रजनन काल का चित्र ग्राम नारियांवन फैजाबाद, उत्तर प्रदेश (१३ जनवरी १७),
दिनांक -१६ जुलाई २०१७ (प्रजनन काल का फोटो ),
१३ जनवरी १७ का फोटो गैर प्रजनन अवस्था में
छाया चित्रकार (Photographer): आजाद सिंह
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Passeriformes
Family: Ploceidae
Genus: Ploceus
Species: Phillipinus
Size: Sparrow(12-14 CM)
Visibility: Common
Category: Perching bird
Sexes : नर मादा अलग अलग रंग रूप के, गैर प्रजनन अवस्था में दोनों ही मादा गौरैया जैसे रंग के गहरे लकीरों के साथ ताम्र भूरे रंग की पीठ तथा नीचे का हिस्सा सफ़ेद व धूसर रंग का ,तिकोनी चोंच छोटी वर्गाकार पूंछ।
प्रजनन के समय नर का मुकुट चमकदार पीले रंग का और ऊपरी हिस्से पर गहरी भूरी लकीरें पीले रंग के साथ पीला सीना तथा अंदरूनी हिस्से क्रीमी रंग के।
वितरण: पूरे भारत ,बांग्लादेश ,पाकिस्तान श्री लंका एवं म्यांमार।
आदत: यह मैदान की चिड़िया है जो प्रायः झुंडों में ही पाई जाती है
भोजन: बीज और कीड़े मकोड़े।
घोंसला: बबूल, बेर तथा कटीली झाड़ियों वाले मैदानों को यह अपने घोंसले के लिए चुनता है। बया अपने घोसलों की बस्ती सी बसा लेते हैं। इनके घोसले लम्बे सुन्दर तथा तोम्बी के आकार के होते हैं जो घास से बुने जाते हैं। घोसले का मुँह नीचे की ओर होता है। घोंसला प्रायः सरपत तथा ज्वार के पत्तों के रेशों से बनाते हैं। घोसला बनाने का काम नर बया ही करता है। एक नर कई घोसले बनाता है पर जो मादा को पसंद आ जाता है वही घोंसला पूरा किया जाता है।
प्रजनन: मई से सितम्बर तक का मानसून वाला समय। मादा अंडे सेने वाले कक्ष में २-४ अंडे देती है। अंडे सफ़ेद रंग के होते हैं। अंडा सेने की प्रक्रिया मादा अकेले ही करती है।
लेखक: आजाद सिंह |
बहुत ही सुंदर फोटो और जानकारी।
इसके लिए आपका आभार।
Another incredibly educational article from Ajad Ji. Thank you for helping all of us know and better understand the rich biodiversity of Ayodhya, UP and India!
Brilliant pictures and information. Kudos to you Azad ji.
आजाद भैया आपकी मेहनत और ज्ञान गजब का है। हमें ज्ञान की वर्षा से सिंचित करने के लिए बहुत आभार
Well done Singh sahab, आप अपना pasion जी रहे है