निवेश करना भी एक कला है जिसके लिए अनुशासन बहुत जरूरी है। निवेश करना एक विज्ञान भी है जिसके लिए एक प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। निवेश बचत के बाद की सीढ़ी है।
निवेश करना एक ऐसी कला है जिसके लिए अनुशासन बहुत जरूरी है। तो निवेश करना कला तो है ही साथ में एक विज्ञान भी है जिसके लिए एक प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। अधिकतर बचत और निवेश में सब लोग एक जैसा समझते हैं और दोनों का अंतर नहीं समझ पाते हैं, तो बचत जो है वह पहली सीढी है और निवेश उसके बाद की सीढ़ी है। निवेश करने के बाद हमें हमारे निवेश को ध्यान से देखते रहना चाहिए और उस पर अपनी प्रतिक्रिया करनी चाहिए।
अगर आप अपने सारे पैसे बचत के उत्पादों में लगा देते हैं, जैसे की बचत खाता बैंक में सावधि जमा, पोस्ट ऑफिस में मंथली इनकम स्कीम, किसान विकास पत्र, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, प्रोविडेंट फंड जैसे कि EPF EPF और GPF, तो इसमें बचत करने से आपने अपनी कुछ रकम बचत करी है पर इसे निवेश नहीं कहा जाएगा। तो आपकी रकम बढ़ेगी नहीं जिससे कि आप अपने भविष्य के लक्ष्य जैसे कि बच्चों की शिक्षा उनकी शादी और सुखी सेवानिवृति जीवन को प्राप्त नहीं कर पाएंगे।
कोई भी निवेश जोखिम के बिना नहीं किया जा सकता है फिर भी अगर गणना कर जोखिम ली जाए और सख्त अनुशासन के साथ उस पर अमल किया जाए और साथ में निवेश की रणनीतियों पर अमल किया जाए तो आपका निवेश लंबी अवधि में बहुत अच्छा लाभ देगा। तो आइए निवेश के कुछ स्वर्णिम नियम समझते हैं जिससे हमारा निवेश हमारे लक्ष्यों के अनुसार काम करे।
01. | आपको अपनी बचत कई उत्पादों में लगानी होगी जिसे की एसेट क्लास कहा जाता है, जैसे डेब्ट, इक्विटी, सोना, रियल स्टेट इत्यादि। अगर आप इसमें से किसी भी उत्पाद में ज्यादा निवेश करते हैं जिसमें जोखिम क्षमता ज्यादा हो या फिर बहुत कंजरवेटिव होकर केवल बिना जोखिम वाले उत्पादों में निवेश करते हैं तो वह भी ठीक नहीं है। |
02. | निवेश में एसेट एलोकेशन का एक अंगूठा छाप नियम है कि आप 100 में से अपनी उम्र घटा लीजिए और उतना प्रतिशत इक्विटी में निवेश करिए। 10 परसेंट सोने मैं और बाकी का डेब्ट उत्पादों जैसे कि EPF EPF, बांड, डेब्ट म्यूचुअल फंड्स और बैंक एफडी में करें। उदाहरण के लिए अगर आप की उम्र 50 साल है तो आपका इन निवेश 50% इक्विटी में होना चाहिए 10% सोने में और 40% डेब्ट उत्पादों में होना चाहिये। |
03. | डेट उत्पादों को चुनते समय EPF PPF और पोस्ट ऑफिस की स्कीम बैंक की सावधि जमा इन सबको प्राथमिकता दें क्योंकि इनमें से कई उत्पादों पर मिलने वाले ब्याज को आयकर से छूट प्राप्त होती है वैसे ही डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स जोकी ओपन एंडेड हो उनमें भी निवेश किया जा सकता है उनमें से भी कभी भी पैसा निकाला जा सकता है और साथ ही कर लगने के बावजूद अच्छे लाभ की उम्मीद होती है बैंक के बचत खाते में या सावधि जमा खाते में रकम रखने की बजाए डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। |
04. | अपने बचत खाते में बहुत ज्यादा बैलेंस ना रखिए क्योंकि बचत खाते में बहुत ही कम ब्याज दर होती है और उसके ऊपर जो भी ब्याज मिलता है वह भी आयकर के अधीन होता है। बचत खाते में अधिकतम 2 महीने का घर का खर्च के बराबर की राशि रखनी चाहिए। |
05. | इक्विटी में निवेश करना जोखिम की श्रेणी में रखा जाता है। लेकिन अगर अनुशासित तरीके से रणनीति के तहत निवेश किया जाए तो एक छोटी रकम भी जो आप नियमित रूप से निवेश कर रहे हैं, वह एक बहुत बड़ी रकम हो जाती है जिसके लिए आपको मध्यम से लंबी अवधि तक निवेशित रहना होता है। अगर आप इक्विटी में निवेश नहीं कर रहे हैं तो यह आपके लिए भी बहुत बड़ा जोखिम है, क्योंकि आप मुद्रास्फीति से लड़ने के सबसे कारगर हथियार से दूर है। |
06. | इक्विटी में निवेश करने के लिए हमेशा अच्छी म्यूचल फंड कंपनियों के इक्विटी स्कीम में निवेश करें। अगर आप शेयर मार्केट के बारे में ज्यादा नहीं जानते तो शेयर बाजार में सीधे निवेश करने का जोखिम ना उठाएं। |
07. | इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने के लिए एसआईपी सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान का उपयोग करें। एक साथ बड़ी रकम को म्यूचल फंड में निवेश करने से बचें। |
08. | अगर आपके पास बड़ी रकम है जिसे कि आप इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो हमेशा एसटीपी यानी कि सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान का उपयोग करें। |
09. | इक्विटी मार्केट में सबसे बेहतरीन समय निवेश करने का तभी है जब आप लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करते हैं, मतलब की कम से कम 7 वर्ष या उससे अधिक। अगर स्टॉक मार्केट का इंडेक्स अपने निचले स्तर पर है, और आप छोटी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो निवेश शेयर बाजार में बिल्कुल ना करें। इससे आप अपने निवेश को बहुत बड़े जोखिम में डाल देते हैं। |
10. | निवेश करने की शुरुआत जल्दी से जल्दी करें। जैसे ही आपको अपने जीवन की पहली तनख्वाह मिले आप निवेश करना शुरु कर दें, लेकिन ध्यान रखें निवेश करने की शुरुआत करना कभी देर नहीं होता। अगर आपने अभी तक बचत नहीं करी है, वहीं आप 40 वर्ष के हो कभी आपने इसके पूर्व इक्विटी में निवेश नहीं किया है, तो आप अपने सुविधा अनुसार रकम से एसआईपी के द्वारा निवेश कर सकते हैं। जो कि आपके लंबी अवधि के लक्ष्यों जैसे की सेवानिवृत्ति यह बच्चों की शादी के काम आएगा। |
11. | कभी भी निवेश करने के लिए ऋण न लें। |
12. | अपने निवेश से बाहर आने का सबसे बढ़िया समय होता है, जब आपके लक्ष्य की प्राप्ति हो चुकी हो यानी कि जब आपको रकम चाहिए होती है जिसके लिए आपने निवेशित किया था, ना कि जब बाजार अपने उच्चतम स्तर पर है। |
13. | हमेशा अपने जीवनसाथी को अपने निवेश से संबंधित सारे निर्णय में भागीदार बनाएं और अगर उन्हें निवेश के बारे में ज्यादा समझ ना हो तो उन्हें सिखायें और जितना भी निवेश आप के पास में है वह सब उनके साथ साझेदारी करें। |
14. | हमेशा सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर या म्यूच्यूअल फंड एजेंट से अपने निवेश के बारे में राय लें। उन लोगों से अपने निवेश अपने लक्ष्य के बारे में कुछ न छुपायें। सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर बिना किसी लोभ और लालच के आपको सही सलाह देंगे। |
15. | अपने निवेश के लिए अपने सलाहकार या फाइनेंशियल प्लानर को कहें कि वह आपके लिए एक फाइनैंशियल प्लान या इन्वेस्टमेंट प्लान बना कर दें जिसे कि आप नियमित अंतराल पर देखते रहे। जिससे कि आप अपने निवेश को सही तरीके से नजर रख पाएंगे। |
16. | आपको अपना निवेश का पोर्टफोलियो साल में कम से कम चार बार देखना चाहिए। अगर हो सके तो अपने निवेश सलाहकार के साथ बैठ कर देखना चाहिए। यह बहुत जरूरी है इससे आपको पता चलेगा कि आपका निवेश सही तरीके से अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अग्रसर है या नहीं। |
17. | आप अपना निवेश लार्ज कैप इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स से शुरू कर सकते हैं, उसके बाद अपने निवेश में मिड कैप, स्माल कैप, फ्लेक्सी कैप म्यूचल फंड को शामिल कर सकते हैं। एक बार आपको अनुभव हो जाए उसके बाद आप किसी क्षेत्र विशेष के फंड में भी निवेश कर सकते हैं जैसे की बैंकिंग, इंफ्रा, फार्मा इत्यादि। |
18. | हमेशा ध्यान रखें कि कम से कम 40 से 50% आपका निवेश लार्ज कैप इक्विटी फंड की म्यूचल फंड स्कीम्स में हो। |
19. | रियल एस्टेट में निवेश करने के लिए पहले आप अपने वित्तीय स्थिति को देख लें। आपका पोर्टफोलियो 2 करोड़ रुपए से ज्यादा का हो या फिर आपके पास ज्यादा रकम हो तभी आप रियल एस्टेट में निवेश करें। |
20. | आपका रियल स्टेट में निवेश किसी भी समय पर आप के कुल निवेश का 40% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। जैसे कि अगर आपकी नेटवर्थ 5 करोड़ रुपए है तो कम से कम तीन करोड़ रुपया आपके वित्तीय पोर्टफोलियो में होना चाहिए और बैलेंस याने की दो करोड़ रुपया वह रियल स्टेट में लगा सकते हैं। |
21. | जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है वैसे वैसे इक्विटी में आपका निवेश कम होते जाना चाहिए और डेट में ज्यादा होना चाहिए। यह आपकी जोखिम क्षमता पर निर्भर करता है। |
22. | सबसे जरुरी बात ध्यान रखने की है कि जब भी आप अपने निवेश के लाभ की गणना करें, तब आप शुद्ध लाभ की गणना करें। मतलब की मुद्रास्फीति और आयकर दोनों को कम कर दें। |
अगर आप ऊपर दिए गए स्वर्णिम नियमों का पालन करेंगे तो हम निश्चित ही यह कह सकते हैं कि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को सहज ही प्राप्त कर सकते हैं। हमेशा ध्यान रखें अपने परिवार के लिए जो लक्ष्य आप बना रहे हैं, वह हमेशा लंबी अवधि में निवेश से ही प्राप्त हो सकता है और साथ में वित्तीय अनुशासन भी बहुत जरूरी है।
How does people used to invest in India in old days when no equity market etc. were not there?