Spotted Dove / Eastern Spotted Dove / फाक्ता / पंडुक
Spotted Dove चित्रपक्ष के प्रसूति काल में मादा के कण्ठ स्थान पर दूध जैसा पदार्थ निस्सृत होता है जिसे बच्चे चोंच से पीते हैं। यह जल भी चूस-चूस कर पीता है।
Spotted Dove चित्रपक्ष के प्रसूति काल में मादा के कण्ठ स्थान पर दूध जैसा पदार्थ निस्सृत होता है जिसे बच्चे चोंच से पीते हैं। यह जल भी चूस-चूस कर पीता है।
Black-Winged Stilt गजपाँव उत्तर भारत का बारहमासी पक्षी है जो जाड़ा आने पर पूरे देश में फैल जाता है। छिछले जलाशयों में कीड़े घोंघे का शिकार करते मिल जाता है।
Purple Heron लाल अञ्जन को नील लोहित रंग राजन्य एवं फ़ीनिक्स पक्षी से जोड़ता है। चतुरता से जल सतह पर पंख पत्ता रख ध्यानमग्न हो मछली की प्रतीक्षा करता है।
Rose-ringed Parakeet तोता अकेला ऐसा पक्षी हैं जो अपने भोजन को पैरों से पकड़कर चोंच तक ले जाता हैं। इनकी कर्कश प्रजनन काल में तनिक मधुर हो जाती है। तोते नीड़ का निर्माण नहीं करते हैं। अपितु तने के कोटर आदि में निवास करते हैं।
महाभारत में जिन्हें नागाशी की संज्ञा दी गई है, वे ये पक्षी हो सकते हैं। सुवर्णचूडो नागाशी दारुणश्चण्डतुण्डकः । अनलश्चानिलश्चैव विशालाक्षोऽथ कुण्डली ॥
श्वेत या तनु पीताभ आँखों की पुतलियों के कारण ही इसे पुण्डरीकाक्ष कहा गया है। श्येन सम किसी भी पक्षी की आँखें ऐसी नहीं होतीं।
Accipter badius शिकरा : अपने से बड़े पक्षियों का भी आखेट करने में समर्थ होता है। आहार एवं वास के अनुसन्धान में अल्प दूरी तक स्थानीय प्रवास भी करता है।
दुग्धराज या दूधराज मध्य प्रदेश का राजकीय पक्षी है। वैदिक वाङ्मय एवं संंस्कृत साहित्य में यह सुंदर पक्षी बहुवर्णित है।
Black Bittern काला जुन बगुला भारतीय उपमहाद्वीप से लेकर सुदुर पूर्व में ऑस्ट्रेलिया तक पाया जाने वाला एक बगुला प्रजाति का पक्षी है।
गिद्ध आहार शृंखला में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखने वाला पक्षी है। राजगिद्ध या Asian King Vulture भारत का प्रसिद्ध गिद्ध है। कुछ दशक पूर्व बहुलता से पाया जाने वाला प्रकृति का ये अपमार्जकआज दुखद रूप से लुप्त होने के कगार पर खड़ा है। इस बार पढ़िए आजाद सिंह जी के लेख में।
टिटिहरी जो आसमान पाँव पर उठा लेती है। भारत में इसको बहुधा वर्षा ऋतु की कई मान्यताओं से जोड़ा जाता है। तो इस बार मानसून, वर्षा ऋतु के आगमन पर आजाद सिंह की अवधि चिरईया शृंखला में इसी पक्षी के बारे में जानते हैं।
सारस जैसा दिखाई देने वाला ये विशालकाय बगुला दिन और रात में समान रूप से देखने की क्षमता रखता है। प्रजनन के लिए नर की रूचि हर बार नयी मादा में ही होती है। पुराने समय में पश्चिमी जगत में ऐसी मान्यता भी थी कि यदि पूर्णिमा की रात्रि में इसका शिकार करके इसकी चर्बी प्रयोग में ली जाये तो संधिवात (गठिया) रोग को सही करता है। कभी-कभी यह अपने शिकार (मछली) आदि को एक बार में ही निगल जाता है जो इसके गले में फंस जाता है। इसके अच्छे शिकारी कौशल को देखते हुए मध्यकाल में इसका प्रयोग शिकारियों द्वारा प्रशिक्षण देकर किया जाता था।
Lesser Whistling Duck छोटी सील्ही एक कत्थई रंग की बारहमासी बत्तख है। यह पेड़ पर भी पर्याप्त समय बसेरा करती है अतः इसे पेड़ का बतख भी कहा जाता है। यह लगभग सम्पूर्ण भारत में पाई जाती है।
White Breasted Kingfisher, White Throated Kingfisher, Smyrna Kingfisher, किलकिला, श्वेतकंठ कौडिल्ला, चंद्रकांत मीनरंक, धीवर। भारत का एक सुन्दर सा पक्षी है। सुन्दर रंगों को लिए ये पक्षी शोरगुल भी बहुत करता है। पढ़िए इस बार आजाद सिंह की अवधी चिरईया शृंखला में इसके बारे में।
Black Kite Common Pariah Kite चील। जिसे आकाश में उड़ने के कारण ‘अकासी’ भी कहते हैं, भारत की बहुत प्रसिद्ध चिड़िया है। जो हमें रोज अपने घरों के ऊपर उड़ती हुई दिख जाती है। यह लगभग सम्पूर्ण भारत में दिखाई पड़ती है। इस बार आजाद सिंह जी का लेख इसी जानी-पहचानी चिड़िया पर।
Rudy Shelduck चकवाअत्यंत प्राचीन काल से कवियों की संयोग तथा वियोगसंबंधी कोमल व्यंजनाएँ लिए यह पक्षी मिलन की असमर्थता के प्रतीक रूप में अनेक उक्तियों का विषय रहा है। अंधविश्वास, किंवदंती और काल्पनिक मान्यता से युक्त इस पक्षी की तथाकतित उपर्युक्त विशेषता ने इसे कविसमय तथा रूढ़ उपमान के रूप में प्रसिद्ध कर दिया है।
ममोला खञ्जन बहुत ही परिचत पक्षी है जो देश छोड़कर नहीं जाता है। यह पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर लगभग हर जगह तथा हिमालय में ५००० फ़ुट की ऊँचाई तक पाया जाता है। खंजन बहुत ही चंचल, मीठी बोली वाला और मनमोहक पक्षी है। इसका कवियों ने भी समय-समय पर अपने काव्य में वर्णन किया है। ममोला खंजन, सफ़ेद खंजन से थोडा बड़ा होता है।
Eastern Imperial Eagle शाही गरुड़ एक दुर्लभ प्रजाति का गरुड़ है और लुप्त होने के कगार पर है। पढ़िए इस बार, आजाद सिंह की अवधी चिरइया शृंखला में इस महाचील Aquila heliacal के बारे में।
Himalayan Griffon Vulture हिमालय की ऊंचाईयों के भी उपर आकाश में उड़ता एक पहाड़ी गिद्ध है। जो बर्फीली हवाओं को चीरते हुए अपनी तीक्ष्ण दृष्टि से शायद किसी मृत पशु या व्यक्ति की प्रतीक्षा में विचरण कर रहा है। पढ़िए इस बार आजाद सिंह कि चिरईया शृंखला में हिमालयी गिद्ध के बारे में।
Blue-Tailed Bee-Eater बड़ा पतिरिंगा। यह जल स्रोतों के पास के मैदानों में पाई जाने वाली चिड़िया है। लम्बी पतली शक्ल। लम्बी नुकीली चोंच और पूछ के लम्बे पंखों के कारण आसानी से पहचान जा सकता है।