अधिकमास मलमास मलिम्लुच

अधिकमास पुरुषोत्तममास मलमास मलिम्लुच अधिमास संसर्प अंहस्पति अंहसस्पति

क्या होता है मलमास? पुरुषोत्तम नाम क्यों ? मलमास दो प्रकार का है – अधिकमास व क्षयमास। अधिकमास पुरुषोत्तममास मलमास मलिम्लुच – अधिमासव्रते प्रीत्या गृहाणार्घ्यं श्रिया सह ॥पुराणपुरुषेशान जगद्धातः सनातन। पुरुषोत्तमाय नम:।

सूर्यग्रहण

सूर्यग्रहण 21 June Solar Eclipse

सङ्क्रान्ति, विषुव, दिन, रात, अयन, अधिमास, ऋण, ऊनरात्र एवं धन; ये सूर्य की गति से होनेवाली दस दशाएँ शरीर में भी होती हैं। प्राणायाम करें स्वस्थ रहें। प्रत्येक दिन ही चन्द्रग्रहण, सूर्यग्रहण समान पुण्य अर्जित करें।

Mahashivratri Shivalya शिवालय

Mahashivratri महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी/चतुर्दशी

पंच ज्ञानेन्द्रियां (आँख, कान, नाक, त्वचा और जिह्वा), पंच कर्मेन्द्रियां (वाणी, हाथ, पैर, गुदा और उपस्थ), चार अन्त:करण (मन, बुद्धि, चित्त, और अहंकार) – इन चतुर्दश (चौदह) का समुचित नियंत्रण, संयम, संचालन ही ‘शिवरात्रि-व्रत’ है।

माघ स्नान

माघ मास में जल का यह कहना है की जो सूर्योदय होते ही मुझमें स्नान करता है, उसके ब्रह्महत्या, सुरापान आदि बड़े से बड़े पाप भी हम तत्काल धोकर उसे सर्वथा शुद्ध एवं पवित्र कर डालते हैं।माघ मास में प्रयाग संगम में स्नान का विशेष महत्व है।