वैज्ञानिक नाम: Porphyrio porphyrio
हिन्दी नाम: कैमा ,खरीम ,कलीम
संस्कृत नाम: राजीव अम्बुकुक्कुटी
अंग़्रेजी नाम: Western Swamphen, Purple Moorhen, Purple Coot
चित्र स्थान और दिनाङ्क: माझा, सरयू नदी का किनारा, अयोध्या, 09/04/2017
छाया चित्रकार (Photographer): आजाद सिंह
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Gruiformes
Family: Rallidae
Genus: Porphyrio
Species: Porphyrio
Wildlife schedule: IV
कैमा कम दिखाई देने वाला पक्षी है जो यह वनस्पति और कीड़े मकोडों का आहार करता है। नर और मादा एक जैसे होते हैं किंतु मादा आकार में थोड़ी लघु होती है।
वितरण और आवास: यह पक्षी पूरे भारतवर्ष, बँगलादेश, पाकिस्तान और म्यान्मार में पाया जाता है। नरकुल और जलकुम्भी आदि से भरे हुए जलाशय इसके निवास हैं।
पहचान: यह बैगनी रंग की सुन्दर चिड़िया है जिसकी पूँछ के नीचे एक सफ़ेद चित्ता होता है। सिर हल्का बादामी कंजई, चोंच मोटी और दबी दबी सी जो जड़ के पास कुछ ऊपर तक चढ़ी हुई रहती है। चोंच का रंग भूरापन लिए हुए गाढ़ा लाल , आँखें गाढ़ी लाल और टाँगे हल्की लाल होती हैं।
प्रजनन काल: जून से सितम्बर।
घोंसला: ये अन्य जलमुर्गियों की भाँति भद्दा सा घास फूस का घोंसला बनाती है जो पानी की घास या नरकुलों में और कभी कभी किनारे की झाड़ियों में 2 से 3 फीट की ऊँचाई पर रहता है।
अण्डों का रंग हल्का गुलाबी परंतु कुछ दिनों पश्चात गुलाबीपन चला जाता है। धानी लाल बिंदियाँ और हलके बैगनी चित्ते तथा धब्बे बने रहते हैं। अण्डों की संख्या सामान्यत: 6 से 8 तक होती है जो यदा कदा 10 तक भी मिलती है।
लेखक: आजाद सिंह |
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