सागर तट पर (श्रीलंका)
विहान में तट पर पछाड़ खाती लहरें,
नहीं डुबो पातीं श्वान की चीत्कार को,
न ही पवन के रविरश्मि गान उसे चुप कर पाते।
विहान में तट पर पछाड़ खाती लहरें,
नहीं डुबो पातीं श्वान की चीत्कार को,
न ही पवन के रविरश्मि गान उसे चुप कर पाते।