Markandeya Vaman Koorma मार्कण्डेय वामन कूर्म [पुराण चर्चा-1, दशावतार व बुद्ध -2]

कलियुग के लक्षणों को गिनाते हुये इस पुराण में शुक्लदंताजिनाख्या, मुण्डा, काषायवासस: पद प्रयुक्त हुये हैं जिन्हें स्पष्टत: बौद्ध मत का परोक्ष उल्लेख कहा जा सकता है:

अट्टशूला जनपदाः शिवशूलाश्चतुष्पथाः  । प्रमदाः केशशूलिन्यो भविष्यन्ति कलौ युगे  ॥
शुक्लदन्ताजिनाख्याश्च मुण्डाः काषायवाससः  । शूद्रा धर्मं चरिष्यन्ति युगान्ते समुपस्थिते  ॥

Harivansha हरिवंश [ पुराण चर्चा – 1 : विष्णु दशावतार तथा बुद्ध – 1]

पुराणों में ही उल्लिखित विविध पुराण श्लोक संख्याओं का अब उपलब्ध श्लोक संख्याओं से भेद मिलता है। पुराण परम्परा निरन्‍तर अद्यतन होती रही है। Harivansha Puran हरिवंश पुराण।