Tiny Lamps लघु दीप – 16

प्राकृत सुभाषित – चारित्र, ज्ञान, क्रिया एवं दु:खनाश असुहादो विणिवित्ती, सुहे पवित्ती य जाण चारित्तं । [द्रव्यसंग्रह] अशुभ से निवृत्ति एवं शुभ में प्रवृत्ति ही चारित्र है। चारित्तं खलु धम्मो । [प्रवचनसार] यथार्थत: चारित्र ही धर्म है। नाणंमि असंतंमि, चारित्तं वि न विज्जए । [व्यवहार भाष्य] ज्ञान के अभाव में चारित्र भी नहीं है । जेण…