अवधी चिरइयाँ : धनेश (Ocyceros birostris)
धनेश मादा पेंड़ के छेद में अंदर चली जाती है और अपने मल से प्रारम्भ के 2-3 दिन घोंसले के छेद को बंद करने में लगाती है। इसकी बीट बहुत लिसलिसी होती है जोकि सूख जाने पर मिटटी के ढेले जैसी कठोर हो जाती है। नर घोंसले के छेद को सील कर देता है जिसमें केवल मादा की चोंच निकलने भर का छिद्र रह जाता है जिससे वह उसे भोजन चुगाता रहता है। मादा अपने सारे पंख उखाड़कर घोंसले से बाहर फेंक देती है ताकि भीतर बच्चों के लिये आवश्यकता भर स्थान उपलब्ध हो सके।