यतो धर्मस्ततो जय:
धर्मक्षेत्र। भारत युद्ध में उपदिष्ट भगवद्गीता के चौथे अध्याय के आठवें श्लोक में श्रीकृष्ण वह कहते हैं जिसे राज्य के तीन आदर्शों के रूप में भी लिया जा सकता है: परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय दुष्कृताम् धर्म संस्थापनाय पहला सूत्र उपचारात्मक है, यदि सज्जन पीड़ित है तो उसे पीड़ा से मुक्ति दी जाय, अन्याय को समाप्त किया…
स्वर, वर्ण, मात्रा, छन्द, ताल, श्रुति – एक अस्फुट परिचय
आपने देखा होगा, वेदपाठी पाठ करते समय अपने हाथों को ऊपर नीचे करते रहते हैं। स्पष्ट सी बात है, संभवत: आपको पता हो कि वे चढ़ाव एवं उतार के अनुसार हाथों को हिलाते हैं। संगीत के सात स्वरों के बारे में भी आप ने सुना होगा, षड्ज, ऋषभ, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत और निषाद, जिनके…
Bank Myna दरिया मैना
हिंदी नाम: गंगा मैना, बराद मैना, चही दरिया मैना, गंग सलिक, गंगा सारिका (संस्कृत) वैज्ञानिक नाम: Acredotheres Ginginianus Kingdom: Animalia Phylum: Chordata Class: Aves Order: Passeriformes Family: Sturnidae Genus: Acedotheres Species: Ginginianus Category: Perching birds Wildlife schedule: IV Population: Increasing Visibility: Common आकार: 18-20 सेमी. प्रवास स्थिति: Resident, निवासी, स्थानीय प्रवास कभी कभी। भोजन: अनाज के दाने, कीड़े-मकोड़े,आदमियों…
आसक्ति व प्रवृत्ति प्रभाव Endowment & Disposition Effects : सनातन बोध-13
पिछली कड़ी से आगे जिस Endowment effect आसक्ति सिद्धांत की चर्चा से हमने पिछले लेखांश का अंत किया था उस सिद्धांत को इसका नाम देने तथा उस पर शोध करने वाले प्रोफ़ेसर रिचर्ड थेलर को अर्थशास्त्र में इस वर्ष का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। प्रोफ़ेसर थेलर को नोबेल पुरस्कार अर्थशास्त्र में व्यावहारिक मनोविज्ञान के…
Making science more accessible: Science Communicators
Viveca Jönsson, is a European student who completed her science education till ‘plus two’ in India. During her recent visit to India, ‘Maghaa’ requested her to write about something, she feels to communicate with Indian science students. This write-up is in response to our request. I wanted my first microscope when I was 10. I…
कनकधारा स्तोत्र – आदिशङ्कराचार्य की परदु:खकातरता
अद्भुत संकल्पनाओं की आश्चर्यचकित कर देने वाली, पुलक से भर देने वाली, अनुभूतियों से हृदय को झकझोर देनेवाली महानिशा को हम दीपावली कहते हैं, हर वर्ष उस अनमोल ऊर्जा के उत्स आख्यान से आपादमस्तक उत्साह में स्नात, नवोन्मेषशालिनी प्रज्ञा की अंतरगुहा की आह्लाद यात्रा पर निकल पड़ते हैं। बाह्य स्वरूप में तो केवल दियों, मिठाइयों…
यज्ञोपवीत संस्कार : अवधी लोकगीतों में अभिव्यक्ति
डॉ. अनीता शुक्ल हिंदी विभाग, महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, बड़ौदा _______________________________________ वर्णाश्रमों में विभाजित भारतीय सामाजिक जीवन में पुत्र का अत्यंत महत्व है। पुत्र वंश को बढ़ाता है, पितृ ऋण से उऋण करता है – ‘पुनाति य: सुचरितै: पितरं स पुत्र:’। ऐतरेय ब्राह्मण में कहा गया है: ऋणमस्मिन् संनयत्यमृतत्वं च गच्छति। पिता पुत्रस्य जातस्य पश्येच्चेज्जीवतो मुखम्॥…