Sanskrit Riddles प्रहेलिका आलाप : Tiny Lamps लघु दीप – 17
प्रहेलिका – गुप्त, च्युत, कूट, आलाप – अन्तर्, बहिर् … आलापों के उत्तर हेतु पौराणिक घटनाओं एवं पर्यायवाचियों का ज्ञान परमावश्यक है।
प्रहेलिका – गुप्त, च्युत, कूट, आलाप – अन्तर्, बहिर् … आलापों के उत्तर हेतु पौराणिक घटनाओं एवं पर्यायवाचियों का ज्ञान परमावश्यक है।
संसार में कुछ भी आनन्ददायक तब तक नहीं, जब तक हम उसमें पारङ्गत नहीं हो जाते और किसी भी विषय में पारङ्गत होने के लिए कठिन परिश्रम आवश्यक है।
वर्णित सिद्धान्तों के आधार पर वे प्रेम संबंधों को दो रूपों में विभाजित करते हैं – आवेशी (Passionate) और साहचर्य (companionate)। इन दोनों का वर्णन जान लेने पर यह स्वतः ही स्पष्ट हो जाता है कि आवेशी वह है जिसे ग्रंथो में कामुक या तामसी कहा गया है एवं साहचर्य अर्थात गृहस्थ और दाम्पत्य।
Sagittarius A धनु अ गुरुत्व एवं परिक्रमा करते तारक : कल्पित Artistic Image By ESO (http://www.eso.org/public/images/eso1151a/) [CC BY 1.0 (https://creativecommons.org/licenses/by/1.0)] गत ज्येष्ठ (अधिक) पञ्चमी को गुरुत्व के सापेक्षिकता सिद्धांत से सम्बंधित एक महत्वपूर्ण प्रेक्षण घटित हुआ। हमारी आकाशगङ्गा मंदाकिनी के नाभिक में ‘धनु अ*’ (Sagittarius A*) नाम का घनीभूत नाक्षत्रिक विकिरण स्रोत है जिसके केंद्र में एक अतिमान कृष्ण विवर…
मारुति का श्रीराम के गुह्य अङ्गों का अभिजान देवी सीता के मन में विश्वास दृढ़ करने में सहायक हुआ कि यह अवश्य ही उन्हीं का दूत है, कोई मायावी बहुरूपिया राक्षस नहीं। आगे हनुमान स्वयं कहते भी हैं – विश्वासार्थं तु वैदेहि भर्तुरुक्ता मया गुणा:। आदि कवि भी पुष्टि करते हैं – एवं विश्वासिता सीता हेतुभि: शोककर्शिता, उपपन्नैरभिज्ञानैर्दूतं तमवगच्छति।
हिन्दी पानी नीली धरती – चाहे जो नदी नारे नगर ले लें, प्रदूषण की स्थिति भयानक एवं शिक्षित समाज ‘हम तो ऐसे ही हैं’ के जप में लीन। पुरखे मूर्ख थे बेचारे!
एकल-नवदुर्गा निहारिका Unitary Navadurgā Galaxy : जिज्ञासा का विषय यह है कि दुर्गा के नौ भेदों में क्रम का विशेष उल्लेख क्यों? इन श्लोकों के पश्चात नवदुर्गा जैसे गम्भीर विषय पर सम्वाद भी, बिना निरन्तरता बनाए, बड़े विचित्र रूप से सहसा समाप्त कर दिया जाता है।