कौटलीय अर्थशास्त्रे शब्दप्रयोगाः
मम लेखस्य विषयः कौटलीय अर्थशास्त्रे कतिपय राजपदानाम्, कर्तव्यानाम्, वस्तूनाम् चार्थे प्रयुक्ताः विभिन्नाः अप्रसिद्ध शब्दाः। वयं जानीमः शब्दार्थाः परिवर्तनशील सन्ति कालेन सह तेषां अर्थाः परिवर्तयन्ति (अर्थशास्त्रस्य कालखण्ड तृतीय-चतुर्थ शताब्दि ईसा पूर्वं मन्यन्ते) अतः शब्दानाम् अर्थे अधुनातः वैचित्र्यं लभ्यते। कतिचन् शब्दाः मम ध्यानाकर्षण अकुर्वन् अर्थशास्त्रे तेषां प्रयोगात् अधुना वयं अपरिचितः च अस्तु एषः लेखः। प्रथमे अधिकरणे आचार्यः…
Iron Supplement Circle: ‘लौह भस्म’ to Iron Fish
प्राण, Food & Nutrients Ever since we adopted western hygiene hypothesis and germ phobia, we started losing many simple but profound cooking practices. On top of it, our plates only receive food grown using chemicals (pesticides and fertilizers). We forgot to take help of naturally available soil bacteria(s) who can convert raw प्राण from सूर्य…
सनातन बोध : प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 1
वित्तीय गणित का सबसे प्रसिद्ध सूत्र ब्लैक शॉल्स और मेर्टन भौतिकी का ऊष्मा समीकरण भर है। इस वित्तीय समीकरण का भौतिकी में होना केवल संयोग नहीं है। एक जैसी प्रक्रिया का एक ही हल होने से इसे मौलिक आविष्कार तो नहीं कहा जा सकता? ठीक इसी तरह व्यावहारिक अर्थशास्त्र और मनोविज्ञान को पढ़ते हुए कई सिद्धांत जाने पहचाने लगते हैं।
Quantum Spin Liquid पदार्थ की नई अवस्था: क्वॉन्टम स्पिन लिक्विड, मायोराना फर्मियॉन कण तथा क़्वॉण्टम कम्प्यूटर
क़्वॉण्टम स्पिन लिक्विड में इलेक्ट्रॉनों के टूटने से उत्पन्न हुए मायोरना फर्मियॉन कण ‘एनटैंगल’ सूप की अवस्था में एक साथ कई क़्वॉण्टम अवस्थाएं परिलक्षित करते हैं अतएव ये कण भविष्य के क़्वॉण्टम कम्प्यूटर बनाने में प्रयुक्त हो सकते हैं जो आज के डिजिटल कम्प्यूटरों की तुलना में कहीं ज्यादा तीव्र गति से अरबों खरबों सूचनाओं की गणना कर सकेंगे।
अवधी चिरइयाँ : धनेश (Ocyceros birostris)
धनेश मादा पेंड़ के छेद में अंदर चली जाती है और अपने मल से प्रारम्भ के 2-3 दिन घोंसले के छेद को बंद करने में लगाती है। इसकी बीट बहुत लिसलिसी होती है जोकि सूख जाने पर मिटटी के ढेले जैसी कठोर हो जाती है। नर घोंसले के छेद को सील कर देता है जिसमें केवल मादा की चोंच निकलने भर का छिद्र रह जाता है जिससे वह उसे भोजन चुगाता रहता है। मादा अपने सारे पंख उखाड़कर घोंसले से बाहर फेंक देती है ताकि भीतर बच्चों के लिये आवश्यकता भर स्थान उपलब्ध हो सके।
सनातन धर्म का प्रसार आवश्यक – अंतिम भाग: [मूल – मरिया विर्थ, अनुवाद – भूमिका ठाकोर]
सनातन धर्म का प्रसार आवश्यक : यह लेख Maria Wirth के मूल आलेख ‘Hindu Dharma needs to spread‘ का अनुवाद है। मूल आलेख यहाँ देखा जा सकता है: https://mariawirthblog.wordpress.com/2016/09/02/hindu-dharma-needs-to-spread/। दो भागों में प्रस्तुत किये गये इस आलेख में लेखिका ने बहुत ही सरलता से सनातन धर्म के विरुद्ध जारी षड़यंत्र और धर्म के प्रसार की…