Sudharma सुधर्मा सभा हरिवंश, लोक, लोकतन्‍त्र व वर्तमान हिन्‍दू जन

Sudharma सुधर्मा सभा हरिवंश – नाधनो विद्यते तत्र क्षीणभाग्यो पि वा नर: । कृशो वा मलिनो वापि द्वारवत्याङ्कथञ्चन ॥ आप ‘हरिवंश’ हैं भी?

Harivansha हरिवंश [ पुराण चर्चा – 1 : विष्णु दशावतार तथा बुद्ध – 1]

पुराणों में ही उल्लिखित विविध पुराण श्लोक संख्याओं का अब उपलब्ध श्लोक संख्याओं से भेद मिलता है। पुराण परम्परा निरन्‍तर अद्यतन होती रही है। Harivansha Puran हरिवंश पुराण।