पुरा नवं भवति
भारत में इतिहास को काव्य के माध्यम से जीवित रखा गया। स्वाभाविक ही है कि ऐसे में कवि कल्पनायें नर्तन करेंगी ही। कल्पना जनित पूर्ति दो प्रकार की होती है, एक वह जो तथ्य को बिना छेड़े शृङ्गार करती है, दूसरी वह जो तथ्य को भी परिस्थिति की माँग के अनुसार परिवर्तित कर देती है। दूसरी प्रवृत्ति की उदाहरण रामायण एवं महाभारत, दो आख्यानक इतिहासों, पर आधारित शताधिक रचनायें हैं जिनमें पुराण भी हैं। आख्यान का अर्थ समझ लेंगे तो बात स्पष्ट होगी। आख्यान आँखों देखी रचना होते हैं।
मूल में भी क्षेपक जोड़े गये जिनका अभिज्ञान कठिन है किन्तु असम्भव नहीं।
Love jihad नहीं, यौन जिहाद। न, न, अब्राहमी आक्रमणों का प्रतिकार ऐसे नहीं!
अल्पकालिक हो या दीर्घकालिक, जीर्ण हो या त्वरित; किसी भी समस्या से निपटने या उसके समाधान हेतु जो कुछ किया जाता है, वह व्यक्ति, समूह या तन्त्र में अन्तर्निहित उसकी सकल निर्मिति पर निर्भर होता है तथा परिणाम की गति व दिशा भी उसी पर निर्भर होते हैं। निर्मिति मूल मान्यताओं, मूल्यों, प्राथमिकताओं और प्रवृत्ति की देन होती है जो एक दिन में नहीं बन जाती, दीर्घकालिक सम्यक सतत कर्म की देन होती है। चरित्र महत्त्वपूर्ण होता है।
Stork-billed Kingfisher बड़ा किलकिला : Halcyon capensis
Stork-billed Kingfisher बड़ा किलकिला पुष्करिणियों आदि के पास पेड़ों की लटकी शाखाओं पर बैठा दिखाई पड़ता है, जहाँ से यह सरलता से आखेट कर सकता है।
भ्रष्टाचार, कुसंग और दण्ड : सनातन बोध – ८६
शोध इस बात को इंगित करते हैं कि यदि हम अन्य लोगों को भ्रष्ट आचरण करते हुए देखते हैं तो हम भी उससे प्रभावित होते हैं। हमें यह एक सामान्य प्रक्रिया लगने लगती है। उत्कोच एक संक्रामक महामारी की तरह है।