पंथ निरपेक्षता और संविधान

अब्राहमिक सम्प्रदायों में एकाधिकार की वृत्ति है, जिससे राजनैतिक महत्वाकांक्षा पनपती है स्वाभाविक रूप से ऐसी सांप्रदायिक-राजनैतिक व्यवस्था में अन्य धर्मों के अस्तित्व के लिए सेक्युलरिज्म की नितांत आवश्यकता है। किन्तु भारतीय धर्मों में इस एकाधिकार की वृत्ति और उससे पनपने वाली राजनैतिक महत्वाकांक्षा के सामान्यतः अभाव के बावजूद सेक्युलरिज्म की अवधारणा को पाश्चात्य सन्दर्भ में भारतीय राजनीति में अनावश्यक रूप से ठूँसा गया।

पढ़ें

अवधी चिरइयाँ : करांकुल (Pseudibis papillosa)

लाल-नैप आइबिस लम्बे पैरों वाला एक बड़ा काला पक्षी है जिसकी चोंच लम्बी और नीचे को झुकी हुई, पंख और पूँछ नीले-हरे रंग की चमक के साथ काले जबकि गर्दन और शरीर भूरे रंग के होते हैं। इसके कंधे पर एक सफेद धब्बा और सिर के ऊपर चमकीली लाल त्वचा का एक भाग होता है जिसके कारण ही इसका नाम पड़ा है। इसके विकसित बच्चे भूरे रंग के और प्रारम्भ में नंगे सिर वाले होते हैं।

पढ़ें

सनातन बोध : प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 3

आधुनिक विकासवादी मनोविज्ञान मानव की वर्तमान अवस्था को जिन पूर्वाग्रहों और असंतोष से पीड़ित बताती है उनका कोई सटीक हल नहीं बताती। यदि हम विश्व के दर्शनों में इसका हल ढूँढना चाहें तो आत्मनियंत्रण और प्राचीन भारत के ऊपर वर्णित सिद्धांतों से उत्तम हल कहीं नहीं मिलता और आधुनिक विज्ञान इसका समर्थन करता है।

पढ़ें

राष्ट्र की शक्ति पूजा: अपारंपरिक युद्ध एवं भारत के विशेष बल

विदेशी अभियानों के अतिरिक्त भारतीय स्पेशल फ़ोर्स ने पाकिस्तान के साथ प्रत्येक युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्पेशल फ़ोर्स थलसेना का ही अंग नहीं अपितु भारतीय नौसेना और वायुसेना के पास भी है। नौसेना में इसे मार्कोस (MARCOS) तथा वायुसेना में गरुड़ बल के नाम से जाना जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दल (NSG) आंतरिक आतंकवादी गतिविधियों एवं बंधक जैसी परिस्थितियों ने निबटने के लिए गठित की गयी थी।

पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Post comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.