काल गणना में खिसकती मकर संक्रांति
काल गणना में खिसकती मकर संक्रांति : भारतीय पञ्चाङ्ग सूर्योदय के साथ प्रारम्भ हुई घटना को उस दिन में लेते हैं। यदि कोई खगोलीय घटना सूर्योदय के बाद हुई है, जैसे कि तिथि का बदलना जो कि अगले दिन सर्योदय के बाद तक चलेगी, तो उसे अगले दिन में गिना जायेगा।
Indian Robin भुजइन
Indian Robin भुजइन एक सक्रिय प्रमुदित चिड़िया है। बरामदों में कीड़ों को लेने के लिये आ जाती हैं। फूस की छतों और भूमि पर फुदक फुदक कर चलती हैं।
श्रीनिवास रामानुजन ‘गणितं मूर्धनि स्थितम्’
रामानुजन अपने आप में एक बहुत ही विचित्र, भोले, दृढ़ संकल्पित, कुंठित, हँसमुख और साधारण व्यक्ति थे। आप कह सकते हैं कि मेरे पास विशेषण नहीं हैं इसलिये मैंने विरोधाभासी शब्द लिख दिये हैं। ऐसे व्यक्ति को समझने का प्रयास करना आसान भी नहीं है। इस आलेख में रामानुजन की अतुलनीय मेधा की एक झलक से परिचय कराने का मेरा प्रयास है। श्रीनिवास रामानुजन के रूमानी जीवन की घटनाओं का सिलसिला क्रमानुसार नहीं रखा गया है। यदि वास्तव में गणितशास्त्र में उनके योगदान को समझना हो तब उच्चतर गणित पढ़नी पड़ेगी।
आपन बाति: सोच, सङ्कट और उद्योग
पानी की समस्या से जूझते शीत शुष्क मरुस्थल कहे जाने वाले लद्दाख के सोनम वांगचुक के सामने भी यही प्रश्न था। वह आगे बढ़े। बर्फ के ऊँचे टीले बना कर जलदोहन का नव्य सफल प्रयोग कर डाले। उनके बनाये ‘हिमस्तूपों’ और नलिकाओं की साधारण सी संरचना में गुरुत्व बल के चतुर उपयोग से जल ‘उत्पादित’ होता है जिसका प्रयोग सिंचाई के लिये किया जाता है। उस जल की ड्रिप सिंचाई से शस्य लहलहा रही है। आगे उनकी योजना 30 मीटर ऊँचे बीसों स्तूपों के निर्माण की है।
Joshua Project जोशुआ ‘परमेश्वर यादवों से प्रेम करता है’
Joshua Project : ‘जोशुआ प्रोजेक्ट’ ‘फ्रण्टियर वेंचर्स’ की एक मिनिस्ट्री है जिसने इसाइयत के प्रसार के लिये ‘10/40 खिड़की’ पर स्वयं को केन्द्रित रखा है। भूगोल अक्षांश 10 अंश से ले कर 40 अंश तक (और उनसे लगे हुये) विराट भू भाग को यह नाम दिया गया है जिसमें विश्व की हिन्दू, बौद्ध और मुसलिम जनसंख्या का बहुसंख्य निवास करता है।
चित्र लेख : मल्लाह के बच्चे
बनारस में वैसे तो मल्लाहों की बस्ती वाला ‘निषाद राज घाट’ भी है लेकिन नये बने ‘रविदास घाट’ (असी घाट से आगे) से लेकर वरुणा और गङ्गा के संगम तट पर स्थित ‘आदिकेशव घाट’ तक फैले अस्सी घाटों तक निरंतर बहती हैं नावें और दिखते हैं निषाद जिन्हें हम मल्लाह, केवट, माझी आदि नामों से…
वयं सम्बद्धाः!!
ऋषि, मनीषियों और विचारकों की भाषा संस्कृत हमारे संस्कृति ज्ञान की पहली सीढ़ी है। अस्माकं जीवने न केवलं अस्माकं व्यवहारः, दैनन्दिन कार्यकलापाः, परस्पर वार्ताः अपितु सर्वाः क्रियाः अस्माकं चरित्रं दर्शयन्ति। सामान्याः भारतीयजनाः तेषां जीवने, वेद अथवा वेदाधारित अन्यान्य ग्रन्थान् तथाच तेषां चरित्रानुसरणं कुर्वन्ति। इयं वेदाधारित जीवन पद्धतिः अस्माकं भारतीय संस्कृतिः। भारतीय जनमानस चरित्रं च अवगन्तुं…