वैदिक साहित्य शृंगार – 4 : अथर्ववेद

उस अगम-लोक से आज उतर,
यह शीलवती नववधू, पितर,
हर्षित हो देखें जी भर कर,
उनके अमृतमय शुभाशीष,
प्रतिपल कल्याण करें॥

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निवेश करना भी एक कला है

निवेश करना भी एक कला है जिसके लिए अनुशासन बहुत जरूरी है। निवेश करना एक विज्ञान भी है जिसके लिए एक प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। निवेश बचत के बाद की सीढ़ी है। निवेश करना एक ऐसी कला है जिसके लिए अनुशासन बहुत जरूरी है। तो निवेश करना कला तो है ही साथ में एक विज्ञान…

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उपनयन संस्कार

उपनयन की पद्धतियों के ४ भाग दीखते है। विद्यारम्भ, वेदारम्भ, ब्रह्मचर्य व्रत, उपनयन। (१) विद्यारम्भ इसका एक लौकिक रूप है- खली छुआना। खली से स्लेट पर लिखते हैं। सबसे पहले वर्णमाला सीखते हैं। देवों का चिह्न रूप में नगर देवनागरी लिपि है। इसमें ३३ देवों के चिह्न क से ह तक स्पर्श वर्ण हैं। १६ स्वर मिलाने…

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सनातन बोध: प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 5

दुःख-सुख का उल्टा नहीं। उपलब्ध विकल्पों में हम उनको चुनते हैं जिसमें लाभ भले कम हो पर हानि होने के आसार ना हो। हम लाभ से ज्यादा हानि के प्रति सचेत होते हैं। (decision making economics behavioural science) सनातन बोध : प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 1  , 2, 3 और  4 से आगे  … व्यावहारिक…

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अवधी चिरइयाँ : SARUS CRANE सारस

सरहंस, उत्तर प्रदेश का राजकीय पक्षी। प्रणय का प्रतीक ये अपना जोड़ा जीवन भर के लिए बनाते हैंi यदि किसी कारण एक की मृत्य हो जाये तो दूसरा वियोग में मर जाता है।

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