श्री भगवान सिंह से बातचीत – 1 : ऋग्वेद
श्री भगवान सिंह ‘मघा’ के इस अंक से हम एक नयी शृंखला आरम्भ कर रहे हैं जिसमें विविध विषयों पर विद्वानों से बातचीत और साक्षात्कार प्रस्तुत किये जायेंगे। श्रीगणेश के लिये भारत की सबसे प्राचीन थाती ‘ऋग्वेद’ से अधिक उपयुक्त कौन सा विषय हो सकता है और ऋग्वेद पर बातचीत के लिये स्वनामधन्य श्री भगवान…
बया BAYA WEAVER
बया Baya Weaverऔर उसके सुन्दर घोंसले। सर्वप्रिय सोन चिरी में नर कई घोंसले बनाने शुरू करता है पर जो घोंसला मादा को पसन्द आता है उसे ही पूरा किया जाता है। वैज्ञानिक नाम: Ploceus philippinus हिन्दी नाम: बया, सोन चिरैया (भोजपुरी), सुघारी (गुजराती ), बबुई (बंगाली ), सुग्रह्कर्ता (संस्कृत), टोकोरा, टोकोरा चिरई (असम) चित्र…
गृह ऋण : भुगतान निर्णय (समय से पहले भरें या नहीं?)
गृह ऋण का समय से पहले भुगतान करने से पहले मूलभूत बात समझें कि यदि आपको उस रकम पर मिलने वाली ब्याज की दर, ऋण के ब्याज दर से अधिक है तो ऋण को चालू रखना ही समझदारी है।
एकांगी तंत्र, कथ्य के गल्पी दबाव और विभ्रम
यत्र तत्र की घटनायें अतिशयोक्तियों और पुनरुक्तियों के दुंदुभिनाद बन असहनीय दबाव रच रही हैं और अर्थ चालित छवि के बिगड़ने के भय ने उस विभ्रम की रचना की है जिसके केंद्र से चिंता और चेतावनी के हास्यास्पद स्वर रह रह फूट पड़ते हैं। वे ऐसे संकेत हैं, जिनका आना ही दर्शा देता है कि दबाव कितना है। ऐसी स्थिति क्यों है?
सांख्य दर्शन : सनातन बोध: प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 7
मनु बृहस्पति से कहते हैं कि मनुष्यों द्वारा हिमालय पर्वत का दूसरा पार्श्व तथा चन्द्रमा का पृष्ठ भाग देखा हुआ नहीं है तो भी इसके आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि उनके पार्श्व और पृष्ठ भाग का अस्तित्व ही नहीं है। (२०३।६) यह वार्तालाप पढ़ते हुए कई संज्ञानात्मक पक्षपात सांख्य के मनोविज्ञानिक विश्लेषण की विशेषावस्था लगते हैं। संज्ञानात्मक पक्षपातों के सारे सिद्धांत इस कथन की तरह ही हैं। यह कथन आधुनिक व्यावहारिक मनोविज्ञान के हर पुस्तक की भूमिका है!
एकाष्टका देवी ,नववर्ष पर पिया घर आया, मंगल गाओ री! : अथर्ववेद
अष्टका के लिये ‘एकाष्टका’ संज्ञा देते हुये उसे संवत्सर की पत्नी बताया गया है जिसके साथ वह (यह सुहाग की) आरम्भ रात व्यतीत करता है:
एषा वै संव्वत्सरस्य पत्नी यदेकाष्टकैतस्यां वा गतां रात्रिं वसति साक्षादेव तत् संव्वत्सरमारभ्य दीक्षन्ते। (5.9.2)