Red Wattled Lapwing, टिटिहरी। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू नदी का कछार, अयोध्या, फैजाबाद उत्तर प्रदेश, May 21, 2018

Red Wattled Lapwing टिटिहरी

टिटिहरी जो आसमान पाँव पर उठा लेती है। भारत में इसको बहुधा वर्षा ऋतु की कई मान्यताओं से जोड़ा जाता है। तो इस बार मानसून, वर्षा ऋतु के आगमन पर आजाद सिंह की अवधि चिरईया शृंखला में इसी पक्षी के बारे में जानते हैं।

पढ़ें
Valmiki Ramayan Sundarkand Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण

आदिकाव्य रामायण से – 31, सुंदरकांड [कीदृशं तस्य संस्थानं रूपं रामस्य कीदृशम्]

आदिकाव्य रामायण : उपस्थिति सुहावन थी किन्‍तु जनस्थान की स्मृति भी थी। वानर सौम्य है, मन विश्वास करने को कहता था। अविश्वास भी, कहीं मैं सपना तो नहीं देख रही?

पढ़ें

हिन्‍दी पानी नीली धरती

हिन्‍दी पानी नीली धरती – चाहे जो नदी नारे नगर ले लें, प्रदूषण की स्थिति भयानक एवं शिक्षित समाज ‘हम तो ऐसे ही हैं’ के जप में लीन। पुरखे मूर्ख थे बेचारे!

पढ़ें

Moral Judgement नैतिक निर्णय, मतान्‍तरण conversion; सनातन बोध – 29

नैतिक निर्णय, मतान्‍तरण : उनके तर्क तो उनकी सोच के बनने के पश्चात उस सोच के निरूपण एवं उसका औचित्य सिद्ध करने के लिए बने होते हैं!

पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Post comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.