Accipter badius शिकरा (सञ्चाण, Shikra, संचान, चिपका, चीपक)

Accipter badius शिकरा : अपने से बड़े पक्षियों का भी आखेट करने में समर्थ होता है। आहार एवं वास के अनुसन्‍धान में अल्प दूरी तक स्थानीय प्रवास भी करता है।

पढ़ें

Can Shame be Useful ? लज्जा का नियतभाव एवं धर्म : सनातन बोध – 33

Can Shame be Useful? लज्जा के विधायी प्रभाव एवं धर्म। मानव व्यवहार में परिवर्तन हेतु तर्कपूर्ण आंकड़ों और तथ्यों से अधिक प्रभावी सामाजिक संस्कार ही होते हैं। अध्ययन का सबसे रोचक निष्कर्ष यह था कि जो लोग अल्पाल्प नियंत्रण में रहते हैं, जिनके बन्धन और दायित्व अपेक्षतया न्यून होते हैं अर्थात जो व्यक्तिगत रूप से अधिक स्वतंत्र हैं उनके आत्महत्या करने की सम्भावना उतनी ही प्रबल भी होती है।

पढ़ें

प्राकृत सुभाषित : Tiny lamps लघु दीप – 15

वाद विवाद की औपनिषदिक परम्परा में समुचित उत्तर नहीं दे पाने वाले के सिर कट कर गिर जाने के उल्लेख मिलते हैं या चेतावनियाँ भी।

पढ़ें

Navara Nivar नवरा : शोकनाशिनी की गोद में

चरक सूत्र के औषधीय अन्नों में नीवार की चर्चा है। सम्भव है कि केरल का नवरा ही चरक का नीवार हो। तब तो परम्परा से भी यह धान ‘सिद्ध’ है।

पढ़ें

Minority अल्पसंख्यक कौन हैं? भारतीय विधि विधान का सच

Minority अल्पसंख्यक , भारतीय संविधान में न कोई मानदण्ड हैं, न ही जनसंख्या प्रतिशत सीमायें ही निर्धारित हैं, केन्द्रीय अधिसूचनाओं द्वारा निर्धारित।

पढ़ें

Matsya Puran मत्स्य पुराण [पुराण चर्चा -1 : विष्णु दशावतार तथा बुद्ध – 5]

Matsya Puran मत्स्य पुराण में परशुराम संज्ञा नहीं है, न उनके अवतरण की कोई कथा एवं न ही किसी प्रतिशोध की। भार्गव राम या राम जामदग्न्य उल्लिखित हैं।

पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Post comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.