सौत्रामणियागस्य स्वरूपम्
मनुना प्रोक्तं यत् वेदाः अस्माकं पथप्रदर्शकाः जीवनविद्यायिकाः एकमात्रं शरणाश्च सन्ति । वेदाः एव धर्मस्य प्रतिपादकाः । वस्तुतस्तु सर्वेषां धर्माणां मूलं वेदाः ।
Let go बीती ताहि बिसार दे Forgetting, Key to Health : सनातन बोध – 56
Let go बीती ताहि बिसार दे जैसी उक्तियों में यही बात है। अतीत को भूल वर्तमान में जीने का दर्शन तो निर्विवाद सनातन ही है। ‘बंधनम् मुच्यते मुक्ति’।
Five Trillion Economy पचास खरब की अर्थव्यवस्था
देश की परिभाषा बहुसंख्यक जनता के हितों से आती है। हम देश को मिस्र के अति सम्पन्न एवं शिल्प कौशल में समय के कीर्तिमान किन्तु मृत जन को संरक्षित रखते पिरामिडों के समान तो नहीं बनाना चाहते न?
विसर्ग अनुनासिक अनुस्वार – श्वास एवं प्राणायाम : सरल संस्कृत – ५
संस्कृत भाषा का एक गुण इसका प्राणायाम से सम्बन्धित होना है। प्राण श्वास है। उच्चारण करते समय विसर्ग (:) की ह् समान ध्वनि साँस अर्थात प्राण से जुड़ती है।
Verditer Flycatcher निलकटकटिया
Verditer Flycatcher निलकटकटिया एक साहसी, निडर, सुन्दर व चञ्चल पक्षी है जिसका रंग नीलप्रस्तर समान कान्तिमान एवं नर की आँखों से चोंच तक काला गण्ड होता है।
Basic features of Youtube यूट्यूब की आधारभूत सुविधाएँ : भाग-२
Basic features of Youtube यूट्यूब की कुछ सामान्य सुविधाएँ हमारे समक्ष रहती हैं परन्तु या तो हम उनकी उपेक्षा करते हैं या न जानने के कारण उपयोग नहीं कर पाते। इस लेख में मैं ऐसी ही सुविधाओं की बात करूँगा।
गुरु आधारित संवत्सर चक्र एवं पञ्चाङ्ग संशोधन की आवश्यकता – दैत्यगुरु शुक्र, देवगुरु बृहस्पति एवं शनि
गुरुपत्नी राजपत्नी मित्रपत्नी तथैव च । पत्नीमाता स्वमाता च पञ्चैताः मातरः स्मृताः ॥ (गुरु, राजा, मित्र, पत्नी की मातायें एवं अपनी माता, इन पाँच को माता माना जाता है।) सुदर्शन एवं दिव्यरूपधारी चन्द्र ने अपने गुरु बृहस्पति की पत्नी तारा को लुभा लिया। वह आश्रम तज अपने प्रेमी के घर आ गई। बड़ी…