सच्चा पातशाह Git Govind

सच्चा पातशाह शुद्ध क्षत्रिय राजा, राज करेगा खालसा : शब्द – ८

सच्चा पातशाह – धरा के राजे झूठे हुये, विष्णु अवतार की परम्परा में गुरु ही ‘सच्चा राजा’ हो गया। प्रजा को ‘क्षत’ से बचाने वाला राजा। सच्चा पातशाह का अर्थ हुआ वह जो वास्तव में प्रजा का रक्षण करने वाला सर्वोच्च स्वामी राजा है। इसमें कोई बहुत बड़ा दार्शनिक आध्यात्म नहीं है वरन तत्कालीन परिस्थितियों में जनमानस को एक ऐसा व्यावहारिक मार्ग बताना है जो उन्हें अत्याचारी आक्रांताओं द्वारा दिये दु:खों से पार पाने व संघर्ष करने की शक्ति दे सकते। ‘राज करेगा खालसा’ का अर्थ समझ में आया? खालसा तो जानते ही हैं कि पारसी ‘खालिस’ से है – शुद्ध।

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Pied Kingfisher (Couple) चितला कौडियाल (युगल)। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू, आर्द्र भूमि, माझा, अयोध्या-224001, उत्तर प्रदेश, October 25, 2020

Pied Kingfisher चितला कौडियाल Pelargopsis capensis

Pied Kingfisher चितला कौडियाल। संस्कृत साहित्य में इसे मत्स्यरङ्ग कहा गया है, मछली हेतु रङ्ग अर्थात नृत्य करने वाला। यह जलस्रोत के ऊपर लगभग २० फीट की ऊँचाई पर उड़ता रहता है और मछली दिखते ही जल में सीधे मज्जन कर जाता है। इसे काचाक्ष (भूरी आँखों वाला) और कपर्दिक भी कहा गया – काचाक्ष: कपर्दिक: आकाशे सुचिरं भ्रांत्वा जले पतति लोष्टवत्‌ (कल्पद्रुमकोश)। एक अन्य नाम छत्त्रक है।

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Panchatantra पंचतंत्र (पञ्चतन्‍त्र)

Panchatantra पंचतंत्र (पञ्चतन्‍त्र) – चटकी का प्रतिशोध : लघु दीप – ३३

panchatantra-पंचतंत्र-पञ्चतन्‍त्र – ह से हिंदू के अतिरिक्त जब उसे शासन तंत्र से भी समझते हैं तो वर्तमान जाने कितने अर्थ ले लेता है! रोहिंग्या, बांग्लादेशी, डफली गैंग, नागर नक्सल, जमाती, जिहादी, soul harvesters आदि अनादि जाने कितने चटकी-वीणारव-मेघनाद-काष्ठकूट समूह हैं और हाथी … ह से हाथी, ह से हिंदू के अतिरिक्त जब उसे शासन तंत्र से भी समझते हैं तो वर्तमान जाने कितने अर्थ ले लेता है! दुबारा से कथा पढ़ विचारें तो!

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भारती सम्वत प्रस्ताव - गिरिजेश राव - vernalequinox-e

भारती संवत : प्रस्तावना (शीत अयनान्त एवं गुरु-शनि युति एक साथ)

भारती संवत – जब कि भारतीय परम्परा में शीत अयनांत के साथ नववर्ष आरम्भ के दृढ़ प्रमाण हों, नयी संवत्सर पद्धति आरम्भ करने का सबसे उत्तम अवसर है। मासानां मार्गशीर्षोऽहम्‌ (श्रीकृष्ण, भगवद्गीता, १०.३५)। कल अग्रहायण या मार्गशीर्ष मास की शुक्ल प्रतिपदा है, अमान्त पद्धति से मार्गशीर्ष मास का आरम्भ। इस दिन से मैं एक नये ‘भारती संवत’ का प्रस्ताव करता हूँ। अब्द, संवत, वर्ष, era, epoch आदि नामों के अर्थों की मीमांसा में न जाते हुये कहूँगा कि जैसे विक्रमाब्द, शालिवाहन शकाब्द आदि विविध संवत्‌ प्रचलित हैं, ऐसे ही यह नया संवत होगा।

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Have-talks-with-your-children vishnu puran

Have-talks-with-your-children बच्चों को ‘अच्छी बातें’ बतायें।

संस्कारों की बातें तक करना पिछड़ापन हो चला है। न भूलें कि मनुष्य उनसे ही मनुष्य होता है। न भूलें कि संरचना मे एक भाँति के होते हुये भी प्राचीन भारत में राक्षस, गंधर्व, नाग, यक्ष आदि को मनुज ‘मनुष्य’ से भिन्न मानने की परिपाटी रही जिसके कि जाने कितने निहितार्थ थे। विचार करें तथा संवादहीनता समाप्त करें, बच्चों को ‘अच्छी बातें’ बतायें।

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