जापानी उक्तियाँ, यज़िदी नादिया मुराद को नोबेल पुरस्कार : Tiny Lamps लघु दीप – 18
अस्तित्त्व को जूझते एक अज्ञात गाँव की साधारण सी लड़की इस प्रकार एक नृजाति के अस्तित्त्व के सङ्कट को वैश्विक स्तर पर रेखाङ्कित कर देगी! इस लघु दीप को नमन।
अस्तित्त्व को जूझते एक अज्ञात गाँव की साधारण सी लड़की इस प्रकार एक नृजाति के अस्तित्त्व के सङ्कट को वैश्विक स्तर पर रेखाङ्कित कर देगी! इस लघु दीप को नमन।
अनुकम्पा और मोह से अनासक्त हो वस्तुनिष्ठ होने की बात है। भ्रान्ति से परे सम्बन्धों और संसार को समझने की बात है, सुखमय प्रेम और दाम्पत्य के लिए ।
Purple Heron लाल अञ्जन को नील लोहित रंग राजन्य एवं फ़ीनिक्स पक्षी से जोड़ता है। चतुरता से जल सतह पर पंख पत्ता रख ध्यानमग्न हो मछली की प्रतीक्षा करता है।
मैं अपना घर जलाकर निकला हूँ। तुम यदि अपना जीवन अपने परिवार के साथ सुख से जीना चाहते हो तो मेरे आत्मसम्मान से मत टकराओ, वीर सावरकर ने कहा।
तीर्थंकर युधिष्ठिर की ७ पीढ़ी पश्चात सरस्वती नदी सूख गयी तथा गंगा की अप्रत्याशित बाढ़ में हस्तिनापुर बह गया एवं पाण्डव राजा निचक्षु कौसाम्बी आ गये।
नारद साक्षात यम से पूछते हैं कि वेदपवित्र जन से शूद्रों को बहिष्कृत कर रखा है। उनके लिये जो श्रेयस्कर है, जो हितकर कर्म हैं, बतायें, जो उन्हें करना चाहिये।
देवी देवताओं की ही भाँति वाहन बना निज आरोहण का प्रकट आह्वान था तो ‘शोभने’ सम्बोधन में मानों सङ्केत भी था कि ऐसा करना अशोभन होगा, मैं तो प्रस्तुत हूँ !