प्रच्छन्न अनुच्छेद
लक्ष्मी-वाहन को लक्ष्मी के अतिरिक्त भी किसी अन्य लाभ की आकांक्षा हो सकती है यह जान कर शुक्राचार्य को आश्चर्य हुआ। उन्होंने उलूक से कहा,“हे पक्षिराज! उलूक-मंतव्य सामान्य जनों हेतु सदा स्पष्ट नहीं होते! आप अपना वांछित स्वयं कहें!”
लक्ष्मी-वाहन को लक्ष्मी के अतिरिक्त भी किसी अन्य लाभ की आकांक्षा हो सकती है यह जान कर शुक्राचार्य को आश्चर्य हुआ। उन्होंने उलूक से कहा,“हे पक्षिराज! उलूक-मंतव्य सामान्य जनों हेतु सदा स्पष्ट नहीं होते! आप अपना वांछित स्वयं कहें!”
विहान में तट पर पछाड़ खाती लहरें,
नहीं डुबो पातीं श्वान की चीत्कार को,
न ही पवन के रविरश्मि गान उसे चुप कर पाते।
लिखा है मेरी देह पर, प्रीतम का नाम
धुल जायेगा, न करूँ स्नान
सब पहनेंगे स्वच्छ वस्त्र, कल उत्सव के दिन
पहनूँ मैं वे ही मैल कुचैल, प्रियतम के सब गन्ध
क्षमाभाव (forgiveness) का आधुनिक मनोविज्ञान में विशेष स्थान है, विशेष रूप से मनोचिकित्सा उपचार एवं परामर्श (therapy and counselling) में।
शब्द यदि शिव है, तो अर्थ ही उसकी शक्ति है। निरर्थक शब्द अप्रयुक्त माने जाते हैं, साथ ही अर्थज्ञान से रहित को यास्क ने ठूँठ कहा है। यास्क कहते हैं,कि जैसै बिना ईंधन के अग्नि नहीं जल पाती है, उसी प्रकार अर्थज्ञान के विना शब्द प्रयोग व्यर्थ है
हम सीढ़ियाँ हैं
रौंदते हो जिन्हें
प्रतिदिन तुम
ऊँचे उठने को।
तब तुम
न रुकते कभी,
न देखते कभी मुड़।
…
तुम्हारे पाँव भी फिसलेंगे
एक दिन,
हमायूँ की भाँति।
घर लौटते ही – उसी क्षण
मैं भूल जाता हूँ – पूर्णत:
कि
इस साम्राज्य में है
न तो सूरज का प्रकाश
और न आकाश।
मर कर भी मैं निर्वासित था
उन्होंने मेरे अवलम्ब प्रलेख भी पूरे न लिखे
मर कर भी मेरे पास
आवास अनुमति पत्र न था ।
उन्होंने मेरी मौत लिख दी है
उन्होंने मेरी मौत मरुत पर लिख दी है
उन्होंने … उन्होंने… उन्होंने मेरी मौत जल पर भी लिख दी है
क्यों कि जब मैं नहीं रहूँगा, और तुम वियोगसिक्त,
जब मैं हो रहूँगा तुम्हारी पहुँच से दूर बहुत
तुम्हारे अनसुने शब्द हो रहेंगे तिरोहित मात्र,
तुम्हारी ऊष्मा हो रहेगी यूँ ही शीतल
और बेड़ियों में बच रहेगा तुम्हारा स्व शोकार्त।
अत: जब हो सक्षम, मुझसे करो प्यार!!!
मैं सोचने लगा कि इतनी प्रेममयी बुआ से हमें सदा उपेक्षा ही क्यों मिली? क्या पिता की निर्धनता बुआ के प्रेमभाव पर ग्रहण लगने का कारण थी?
लिंग के निम्न अर्थ प्राप्त हैं— चिह्न, लक्षण, प्रतीक, परिचायक। प्रमाण के साधन। स्त्री/पुरुष वाची शब्द। देव-प्रतीक प्रतिमा नहीं प्रतीक है।
आप के यहाँ गुम्बद कभी नहीं था, कलश कुम्भ के वास्तु आयाम अनेक थे, इस बात का ध्यान रखते हुये शिखर हेतु शिखर शब्द ही प्रयोग में लायें, इससे आप दक्षिण से भी जुड़ जाते हैं।
Laughing Dove छोटी फाख्ता, फाख्ता पक्षी की सबसे छोटी प्रजाति है, जिसका आकार लगभग १० इंच होता है। इसका प्रजनन काल लगभग पूरे वर्ष भर होता है।
Boredom बोरियत नीरसता ऊब – नीरसता, विरक्ति जैसे पर्याय मिल सकते हैं पर boredom जैसी चिरकालिक मानसिक अवस्था का सनातन दर्शन में अभाव ही रहा।
निर्माण में समय लगता है, ध्वंस में नहीं। निर्माण में नहीं लगेंगे तो एक दिन ध्वस्त हो ही जायेंगे – यह सार्वकालिक व सार्वभौमिक सच है। हमें अपनी ‘सचाइयों’ में आमूल-चूल परिवर्तन करने ही होंगे, और कोई उपाय नहीं। ट्विटर या फेसबुक पर रुदाली गाना तो किसी भी दृष्टि से विकल्प नहीं, आकाओं के कान हैं ही नहीं!
हिब्रू मूल से उपजे अरबी शब्द शैतान के समानार्थक कोई शब्द भारतीय वाङ्मय में नहीं है। शैतान का अर्थ या उसकी तुलना राक्षस, असुर, दैत्य, दानव इत्यादि पौराणिक प्रजातियों से करना मूर्खता ही है।
यदि बीच में कोई हैकर किन्हीं दो कम्प्युटर्स के बीच होने वाली सूचना को टेप करने में सफल हो जाये तो सुरक्षा की दृष्टि से अत्यधिक हानि हो सकती है। इसी सुरक्षा को प्रगाढ़ करने वाली एक तकनीकी का नाम है SSL Certifiate.
कुतर भारत में अपना प्रवास पूरा करके यूरोप और एशिया के अन्य शीत देशों में जाकर प्रजनन करते हैं। अफ्रीका और भारत इनका प्रजनन क्षेत्र नहीं है परन्तु उत्तर भारत में कुछ स्थानों पर इनके नीड़ अप्रैल में देखे गए हैं।
सामाजिक संसर्ग या सम्वाद की जो ‘दक्षता’ होती है, वह शनै: शनै: लुप्त हो रही है। परिवार संस्था पर भयानक दबाव है, इतना कि बाल या किशोरावस्था की अपनी संतानों से माता पिता भी बहुत खुल कर सम्वादित नहीं हो पा रहे। आवरण को बड़ा आकर्षक नाम भी दे दिया गया है – ‘निजी स्पेस’।
संधि को आप समझौते से समझ सकते हैं जिसमें दो पक्ष एकत्रित होते हैं, कुछ निश्चित मान्यताओं के अनुसार एक दूसरे को स्वीकार कर संयुक्त होते हैं तथा इस प्रक्रिया में दोनों के रूप परिवर्तित हो एक भिन्न रूप में एकीकृत हो जाते हैं।