Let go बीती ताहि बिसार दे Forgetting, Key to Health : सनातन बोध – 56

Let go बीती ताहि बिसार दे जैसी उक्तियों में यही बात है। अतीत को भूल वर्तमान में जीने का दर्शन तो निर्विवाद सनातन ही है। ‘बंधनम् मुच्यते मुक्ति’।

Basic features of Youtube यूट्यूब की आधारभूत सुविधाएँ : भाग-२

Basic features of Youtube यूट्यूब की कुछ सामान्य सुविधाएँ हमारे समक्ष रहती हैं परन्तु या तो हम उनकी उपेक्षा करते हैं या न जानने के कारण उपयोग नहीं कर पाते। इस लेख में मैं ऐसी ही सुविधाओं की बात करूँगा।

गुरु आधारित संवत्सर चक्र एवं पञ्चाङ्ग संशोधन की आवश्यकता – दैत्यगुरु शुक्र, देवगुरु बृहस्पति एवं शनि

  गुरुपत्नी राजपत्नी मित्रपत्नी तथैव च । पत्नीमाता स्वमाता च पञ्चैताः मातरः स्मृताः ॥ (गुरु, राजा, मित्र, पत्नी की मातायें एवं अपनी माता, इन पाँच को माता माना जाता है।)   सुदर्शन एवं दिव्यरूपधारी चन्द्र ने अपने गुरु बृहस्पति की पत्नी तारा को लुभा लिया। वह आश्रम तज अपने प्रेमी के घर आ गई। बड़ी…

Basic features of Youtube यूट्यूब की कुछ सुविधाएँ

यूट्यूब की कुछ सामान्य सुविधाएँ जो लगभग हमारे सामने ही होती हैं परन्तु या तो हम उनकी उपेक्षा कर जाते है या जानकारी के अभाव में हम उपयोग नहीं कर पाते हैं। इस लेख में मैं ऐसी ही सुविधाओं की बात करूँगा।

पङ्क पड़ी परम्परा का आर्तनाद

भारत में अभियाननाद नहीं, आर्तनाद ही चल रहा है। भारतविद्या एवं भारत की उन्नति के इच्छुक गम्भीर युवाओं को इन सब प्रवृत्तियों से मुक्त हो कर्मसंलग्न होना होगा। हम मिथ्या गौरवबोध में जीने को आतुर हैं, वह हमारा अंग बन चुका है। पुरातन का अध्ययन, उनका वैज्ञानिक एवं सत्यनिष्ठ विश्लेषण तथा आक्रमणों के सटीक उत्तर, ये सब होने चाहिये किंतु उसके स्थान पर हो क्या रहा है?

श्रीमान् उपाध्याय एवं मिस्टर स्मिथः : सरल संस्कृत – ४

इस लेख में सरल लेखन की वाक्य संरचना का प्रदर्श है। साथ में दिये हिंदी अनुवाद के संगत वाक्यों से तुलना कर इन दो भाषाओं के परस्पर सम्बन्ध एवं भिन्नताओं को देखा जा सकता है।

सामाजिक संचार माध्यम, सुविधा या जटिलता : सनातन बोध – 55

सनातन दर्शनों की विशेषता यही है कि मानव मस्तिष्क की जो विवेचना उसमें की गयी है वो विभिन्न देश, काल एवं परिस्थिति के अनुसार भी सत्य है। यथा सभा का स्वरूप भले परिवर्तित हो गया हो परन्तु उस सभा में कब क्या बोलना चाहिए, किससे प्रेम करना चाहिए तथा कब और कितना क्रोध करना चाहिए जो इन बातों को जानता है उसे ही तो अब भी पंडित कहा जाएगा