Corona COVID-19 कोरोना कॅरोना विषाणु आकस्मिक भय : सनातन बोध – ७१
हमें मित्र से अभय हो, अमित्र (शत्रु) से अभय हो, जिसको जानते हैं उससे अभय हो, जिसको नहीं जानते उससे भी अभय हो, रात्रि में भी अभय हो, दिन में भी अभय हो, समस्त दिशायें हमारी मित्र हों अर्थात् हमें सब काल में सभी ओर से निर्भयता प्राप्त हो।
यदि ऐसा सोचें तो नकारात्मक भ्रांति कहाँ टिक पाएगी!