कृष्ण सङ्कर्षण कृषि : शब्द – ३
कृष्ण सङ्कर्षण कृषि – सङ्कर्षण – सम्यक् कृष्यते इति सङ्कर्षण। नीलाम्बरो रौहिणेयस्तालाङ्को मुसली हली। सङ्कर्षणो सीरपाणि: कालिन्दीभेदनो बल: ॥
अमावस्या, आषाढ़, कृष्ण पक्ष, २०७७ प्रमाथी, विक्रम सम्वत
आषाढ़ अमावस्याङ्क, २०७७ वि., वर्ष-५, अङ्क-८५, रविवार
21/06/2020, Sunday
कृष्ण सङ्कर्षण कृषि – सङ्कर्षण – सम्यक् कृष्यते इति सङ्कर्षण। नीलाम्बरो रौहिणेयस्तालाङ्को मुसली हली। सङ्कर्षणो सीरपाणि: कालिन्दीभेदनो बल: ॥
इण्टरनेट है, गुगल खोज उपलब्ध है; जब आप एक योद्धा की भाँति स्थिरचित्त व दृढ़निश्चयी होंगे तो विकल्प ढूँढ़ ही लेंगे। इस कारण ही पहले मन का संस्कार आवश्यक है। चीनी मन आप से अधिक स्थिर, दृढ़ व सातत्ययुक्त है; उसकी विविध क्षेत्रों में प्रगति ही प्रमाण है। ‘हजार की यात्रा एक पग से’ को उन्होंने दशकों से अपना रखा है।
Bhārata needs second Republic – Many of legislations are not in accordance with the said concept of equality and ‘Secularism’.
Red Avadavat लाल मुनिया अपने नाम के अनुरूप चटख लाल वर्ण का सुन्दर पक्षी है जो लगभग ४ इंच का होता है। इनके चोंच का वर्ण ऋतु के अनुसार बदलता रहता है।
Nīti-Sāraḥ नीतिसार :Tiny Lamps लघु दीप – 28 करपात्र या पाणिपात्र, जिसका हाथ ही भोजनपात्र है। ब्रह्मा द्वारा आरुणि को संन्यास उपदेश का अन्तिम, पाँचवा मन्त्र। इस सामवेदीय लघु उपनिषद् में मात्र पाँच गद्य मन्त्र हैं।
Default Bias यथास्थिति पक्षपात – विषयों के सम्बंध में इंद्रियों को राग-द्वेष रहते ही हैं। उनके वश में न हों क्योंकि वे मनुष्य के शत्रु हैं।