प्राकृत सुभाषित : Tiny lamps लघु दीप – 15
वाद विवाद की औपनिषदिक परम्परा में समुचित उत्तर नहीं दे पाने वाले के सिर कट कर गिर जाने के उल्लेख मिलते हैं या चेतावनियाँ भी।
वाद विवाद की औपनिषदिक परम्परा में समुचित उत्तर नहीं दे पाने वाले के सिर कट कर गिर जाने के उल्लेख मिलते हैं या चेतावनियाँ भी।
Accipter badius शिकरा : अपने से बड़े पक्षियों का भी आखेट करने में समर्थ होता है। आहार एवं वास के अनुसन्धान में अल्प दूरी तक स्थानीय प्रवास भी करता है।
चरक सूत्र के औषधीय अन्नों में नीवार की चर्चा है। सम्भव है कि केरल का नवरा ही चरक का नीवार हो। तब तो परम्परा से भी यह धान ‘सिद्ध’ है।
Minority अल्पसंख्यक , भारतीय संविधान में न कोई मानदण्ड हैं, न ही जनसंख्या प्रतिशत सीमायें ही निर्धारित हैं, केन्द्रीय अधिसूचनाओं द्वारा निर्धारित।
Matsya Puran मत्स्य पुराण में परशुराम संज्ञा नहीं है, न उनके अवतरण की कोई कथा एवं न ही किसी प्रतिशोध की। भार्गव राम या राम जामदग्न्य उल्लिखित हैं।
Valmiki Ramayan Sundarkand वाल्मीकीय रामायण सुन्दरकाण्ड : तुम विक्रान्त हो, समर्थ हो, प्राज्ञ हो, तुमने अकेले ही राक्षस राजधानी को प्रधर्षित कर दिया है।
मन्द गति से चलती हुई चींटी भी हजार योजन (की दूरी) चल लेती है, परन्तु बिना चले तो वैनतेय गरुड़ (जिनकी गति जग प्रसिद्ध है) भी एक पग आगे नहीं बढ़ सकते।
आप अपने नियोक्ता से प्राप्त फॉर्म 16A को ही नहीं देखें, भले ही केवल आपको वेतन मिलता हो, आपके द्वारा खरीदे-बेचे गये शेयर, म्यूचुअल फंड, प्रॉपर्टी या गहनों को बेचकर जो लाभ हुआ हो, वह भी दिखाना है। भले लाभ हुआ हो या हानि, उससे कोई अंतर नहीं पड़ता है। सभी को आयकर में अपने पूँजीगत लाभ या हानि दिखाना ही चाहिये। यहाँ हम बता रहे हैं कि कैसे विभिन्न प्रकार के एसेट पर पूँजीगत लाभ या हानि (capital gains or loss) की गणना करनी चाहिये।
Illusion of objectivity वस्तुनिष्ठता की भ्रान्ति : वैरी संचार माध्यम प्रभाव (Hostile media effect) -संचार माध्यमों पर अपर विचारधारा के समर्थन का दोष।
Black Bittern काला जुन बगुला भारतीय उपमहाद्वीप से लेकर सुदुर पूर्व में ऑस्ट्रेलिया तक पाया जाने वाला एक बगुला प्रजाति का पक्षी है।
काल राजा का कारण है अथवा राजा काल का? ऐसा संशय तुम्हें नहीं होना चाहिये। यह निश्चित है कि राजा ही काल का कारण होता है। जिस समय राजा दण्डनीति का सम्यक एवं पूर्ण प्रयोग करता है, उस समय (राजा से प्रभावित) काल कृतयुग की सृष्टि करता है।
हमारा वर्तमान हमारे भूतकाल के विचारों से निर्मित होता है। हमारे वर्तमान के विचार हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं। हमारा जीवन एक मानसिक सृष्टि है। – बुद्ध
मारुति का श्रीराम के गुह्य अङ्गों का अभिजान देवी सीता के मन में विश्वास दृढ़ करने में सहायक हुआ कि यह अवश्य ही उन्हीं का दूत है, कोई मायावी बहुरूपिया राक्षस नहीं। आगे हनुमान स्वयं कहते भी हैं – विश्वासार्थं तु वैदेहि भर्तुरुक्ता मया गुणा:। आदि कवि भी पुष्टि करते हैं – एवं विश्वासिता सीता हेतुभि: शोककर्शिता, उपपन्नैरभिज्ञानैर्दूतं तमवगच्छति।
Original sin स्वपन देबबर्मा : एक रश्मि सबको जोड़े हुये है, विविध मत मतान्तर आदि में व्याप्त है। वह रश्मि है – मनुष्य की मौलिक अच्छाई पर चरम विश्वास।
गिद्ध आहार शृंखला में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखने वाला पक्षी है। राजगिद्ध या Asian King Vulture भारत का प्रसिद्ध गिद्ध है। कुछ दशक पूर्व बहुलता से पाया जाने वाला प्रकृति का ये अपमार्जकआज दुखद रूप से लुप्त होने के कगार पर खड़ा है। इस बार पढ़िए आजाद सिंह जी के लेख में।
संस्कृत सरल – 1 : प्रश्नवाचक वाक्य। भवान् कथं अस्ति ? – आप कैसे हैं ?
देववाणी अभ्यास माला। बोलत बोलत अभ्यास ते आ संस्कृत बोल सुजान।
नैतिक निर्णय, मतान्तरण : उनके तर्क तो उनकी सोच के बनने के पश्चात उस सोच के निरूपण एवं उसका औचित्य सिद्ध करने के लिए बने होते हैं!
Tiny lamps लघु दीप : विपत्ति में धैर्य, अभ्युदय में क्षमा, सभा में वाक्पटुता, युद्ध में पराक्रम, यश में अभिरुचि, ज्ञान का व्यसन; महात्माओं के प्रसिद्ध गुण।
आदिकाव्य रामायण : उपस्थिति सुहावन थी किन्तु जनस्थान की स्मृति भी थी। वानर सौम्य है, मन विश्वास करने को कहता था। अविश्वास भी, कहीं मैं सपना तो नहीं देख रही?