Top ten programming languages और शक्तिशाली देवता कौन?

जिस प्रकार बहुदेववाद को भ्रम की भाँति न देखते हुए अपने इष्ट का चुनाव कर स्वयम की साधना/श्रम/लगन पर ध्यान देना ही सफलता दिलाने में सहायक होता है, उसी प्रकार कोई अकेला प्रसिद्ध विषय या प्रोग्रामिंग भाषा का चयन अपने आप से सफलता नहीं दिलाता। मूल मन्त्र एक ही है – आलस्य त्याग कर श्रम, साधना प्रारम्भ करने पर ही आपको अपना अभीष्ट प्राप्त होगा। उसी से चाहे आपके देवता हों या विषय, प्रसिद्ध और विकासमान होते हैं।

पढ़ें
Sundarkand सुंदरकांड

Sundarkand सुंदरकांड – ५२ : विदा दें [सा निर्दहेदग्निं न तामग्निः प्रधक्ष्यति]

Sundarkand सुंदरकांड – ५२ : स्वयं को धिक्कारते चले गये, यदि दग्धा त्वियं लङ्का नूनमार्याऽपि जानकी। दग्धा तेन मया भर्तुर्हितं कार्यमजानता॥

पढ़ें
मृत्योर्माऽमृतङ्‍गमय

मृत्योर्माऽमृतङ्‍गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय : COVID-19 और भारत

मानवता के सामने आये कठिनतम समय का उजला पक्ष यह है कि मृत्योर्माऽमृतङ्‍गमय, और तमसो मा ज्योतिर्गमय के संदेश का देश आशामय है और संसार की सर्वाधिक गहन तथा दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या के बावजूद न केवल रोग को नियंत्रण में रखे हुए है बल्कि अपने देश के साथ-साथ पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी आपदाग्रस्त देशों से सफलतापूर्वक बाहर निकालकर लाया है।

पढ़ें
information-stress-lone

CoVid-19 Information Stress कोरोना महामारी समाचार और मानसिक तनाव

महत्त्वपूर्ण है कि प्रतिकूल समाचारों को सकारात्मक समाचारों तथा अध्ययनों से संतुलित करना। अधिकारिक एवं प्रामाणिक समाचारों (Aarogya Setu) पर ही विश्वास करना तथा दिनचर्या में समाचारों के लिए भी एक समय सीमा निर्धारित करना। यदि मानव मस्तिष्क समाचारों से सचेत एवं चिंतित होने के आदी हैं तो ऐसे में समाचारों के स्रोत को छानना भी स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है।

पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Post comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.