Valmikiya Ramayan प्रमदावन विध्वंसक हनुमान

आदिकाव्य रामायण से – 24 : सुन्‍दरकाण्ड, [तृणमन्तरतः कृत्वा – तिनके की ओट से]

आदिकाव्य रामायण से – तिनके की ओट से पर स्त्रियों के अपहरण एवं बलात्कार को अपना धर्म बता कर रावण उस परम्परा का प्रतिनिधि पुरुष हो जाता है जो आज भी माल-ए-ग़नीमत की बटोर में लगी है। येजिदी, कलश नृजातीय स्त्रियों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं! उन अत्याचारियों के लिये भी पराई पीड़ा का कोई महत्त्व नहीं, केवल लूट की पड़ी है।

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मरते भाषा-शब्द, कृत्रिम अण्ड, पुरुष के अस्तित्त्व सङ्कट के साथ बसन्त

मरते भाषा-शब्द : अ-कृत्रिम शिशुओं के जन्म की सम्भावनायें तो हैं ही, अ-कृत्रिम इस कारण कि वे रोबो न हो कर हाड़ मांस के मानव ही होंगे। उस समय क्या होगा? शब्द, भाषा, लिङ्ग इत्यादि के लुप्त होने, निज हस्तक्षेप एवं अवांछित उत्प्रेरण होने को ले कर आज का मनुष्य कितना सशङ्कित है! क्यों है?

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Miswanting या इच्छा का मिथ्यानुमान : सनातन बोध – 21

Miswanting या इच्छा का मिथ्यानुमान : सुनने में असहज प्रतीत होता है कि भला हम मिथ्या  इच्छा  (miswant) कैसे कर सकते हैं? यह सोचें कि भविष्य में आपको किन बातों से सुख प्राप्त हो सकता है? जब इस प्रश्न के बारे में हम यह सोचते है तो प्रायः उन बातों के बारें में सोचते हैं जिनके होने से हमें वास्तविक सुख प्राप्त नहीं होना।

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Shiva Linga Skanda

Shiva Linga Skanda शिव, लिङ्ग, स्कन्‍द [पुराण चर्चा-1, दशावतार एवं बुद्ध-4]

shiv linga skanda शिव, लिङ्ग एवं स्कन्‍द पुराण : दक्ष का यज्ञ ध्वंस साङ्केतिक भी है। शिव के लिये प्रयुक्त शब्द अमंगलो, अशिव, अकुलीन, वेदबाह्य, भूतप्रेतपिशाचराट्, पापिन्,  मंदबुद्धि, उद्धत, दुरात्मन् बहुत कुछ कह जाते हैं। इस पुराण के वैष्णव खण्ड में यज्ञ के अध्वर रूप की प्रतिष्ठा की गयी है, पशुबलि का पूर्ण निषेध है।   

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Himalayan Griffon Vulture हिमालयी पहाड़ी गिद्ध, चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सुहेलवा, पूर्वी बालापुर गाँव, नेपाल सीमा के निकट, जिला श्रावस्ती उत्तर प्रदेश, February 3, 2018

Himalayan Griffon Vulture हिमालयी पहाड़ी गिद्ध

Himalayan Griffon Vulture हिमालय की ऊंचाईयों के भी उपर आकाश में उड़ता एक पहाड़ी गिद्ध है। जो बर्फीली हवाओं को चीरते हुए अपनी तीक्ष्ण दृष्टि से शायद किसी मृत पशु या व्यक्ति की प्रतीक्षा में विचरण कर रहा है। पढ़िए इस बार आजाद सिंह कि चिरईया शृंखला में हिमालयी गिद्ध के बारे में।

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समय प्रबंधन time management कुछ सूत्र – एक दिन में 40 घण्टे कैसे (ऑडियो – 1)

(पूर्वप्रकाशित लेख का ऑडियो संस्करण) समय प्रबंधन के कुछ सूत्र: आप कितने भी सक्षम हों, कितने बड़े तुर्रमखाँ हों, अपने को अलादीन के चिराग़ का जिन्न न समझें। डेलीगेशन अर्थात प्रतिनिधित्व आपका उद्धारक है। व्यवस्था के पदानुक्रम में अपना स्थान पहचानिये। अपने उत्तरदायित्व को समझकर भी सब कुछ अपने हाथ में रखने का प्रयास न करें।

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Little by little and bit by bit

लघु दीप अँधेरों में tiny lamps in darkness – 3

लघु दीप अँधेरों में tiny lamps in darkness : मँड़ुवा उगा हानिकारक गोली एवं कृत्रिम पूरक रसायनों के स्थान पर प्राकृतिक कैल्सियम तथा मेथायनीन को अपने आहार में इसकी रोटी या दलिया या भाकरी के रूप में स्थान दीजिये। हड्डियों की निर्बलता osteoporosis तथा यकृत के रोग बढ़ रहे हैं न!

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