वाल्मीकीय रामायण से – 35, सुन्दरकाण्ड [रामस्य शोकेन समानशोका]
रामस्य शोकेन समानशोका … हे वानर ! जो तुमने यह कहा कि राम का मन अन्य की ओर लगता ही नहीं एवं वे शोकनिमग्न रहते हैं, वह मुझे विषमिश्रित अमृत के समान लगा है ।
Cruel to Be Kind हितकर कठोरता : सनातन बोध – 35
संसार में कुछ भी आनन्ददायक तब तक नहीं, जब तक हम उसमें पारङ्गत नहीं हो जाते और किसी भी विषय में पारङ्गत होने के लिए कठिन परिश्रम आवश्यक है।
Narad Puran नारदपुराण [पुराण चर्चा – 1, विष्णु दशावतार तथा बुद्ध – 7]
विष्णु के नयनों के जल से बिन्दुसर जिसमें स्नान से शङ्कर के हाथ से ब्रह्मा का कपाल छूटा, कपालमोचन तीर्थ बना। विष्णु काशी में बिन्दुमाधव नाम से विराजमान हुये
… विद्यालय खुला हुआ है!
परित्यक्त भवन में ही सही, मैंने विद्यालय खुला रखा है। कन्हैया हो या कृष्णा, पढ़ने आ सकते हैं। इस आशा के साथ कि आप का कार्यालय भी खुला हुआ है।
Crested Serpent Eagle शिखी सर्प चील
महाभारत में जिन्हें नागाशी की संज्ञा दी गई है, वे ये पक्षी हो सकते हैं। सुवर्णचूडो नागाशी दारुणश्चण्डतुण्डकः । अनलश्चानिलश्चैव विशालाक्षोऽथ कुण्डली ॥
Sanskrit Riddles प्रहेलिका आलाप : Tiny Lamps लघु दीप – 17
प्रहेलिका – गुप्त, च्युत, कूट, आलाप – अन्तर्, बहिर् … आलापों के उत्तर हेतु पौराणिक घटनाओं एवं पर्यायवाचियों का ज्ञान परमावश्यक है।