अघोष घोष विसर्ग संधि (अनुवर्ती व्यञ्जन) : सरल संस्कृत – ७
सघोष को केवल घोष भी कहा जाता है। नाम से ही स्पष्ट है कि जिन व्यञ्जनों के उच्चारण के समय वाक् तंतु में कम्पन न हो वे अघोष कहलाते हैं, जिनके उच्चारण में कम्पन हो वे सघोष या घोष कहलाते हैं।
Google IME Canonical Scheme
Google IME Canonical Scheme क्या है। इसका उपयोग कैसे करें? हिन्दी ट्रांसलिटरेशन टूल के रूप में हम लोगों ने Google IME प्रयोग कभी न कभी अवश्य किया होगा।
Common Iora सौबिगा
सौबिगा भारत का बहुत परिचित पक्षी है जिसे वाटिकाओं में प्राय: देखा जा सकता है। यह जोड़ों में या ४-५ के झुण्ड में भी दिखाई पड़ जाता है। इसकी अवाज बहुत सुरीली होती है।
भारत के पाँव बँधे अवरोधक
अर्थव्यवस्था में सुधार हेतु शीघ्र ही नीतिगत उपायों की अपेक्षा है क्यों आगामी पाँच वर्षों में जिन उपलब्धियों का लक्ष्य है, उनकी प्राप्ति में वर्तमान स्थिति के लम्बे समय तक बने रहने से कठिन बाधायें उठ खड़ी होंगी।
स्पर्श व मर्म चिकित्सा – सनातन बोध – 58
शताब्दियों से स्पर्श मनुष्य के लिए रोचक विषय रहा है। त्वचा इंद्रियों में सबसे विस्तृत तथा बाह्य ग्राही है। ज्ञानेंद्रियों में त्वचा एक प्रमुख इन्द्रिय है।