Death मृत्यु से भय कैसा? : सनातन बोध – ६१
Death मृत्यु से भय कैसा? इसका संज्ञान सुखी जीवन की ओर ले जाता है। इस दर्शन का अलौकिक लाभ हो न हो, मनोवैज्ञानिक लाभ तो स्पष्ट ही है।
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Coppersmith Barbet, छोटा बसंता, कठखोरा
छोटा बसंता की आवाज बहुत मीठी होती है जिसे सुनने पर ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोई ठठेरा अपना कार्य कर रहा हो, इसीलिए इसे ठठेरा भी कहते हैं।
Sudharma सुधर्मा सभा हरिवंश, लोक, लोकतन्त्र व वर्तमान हिन्दू जन
Sudharma सुधर्मा सभा हरिवंश – नाधनो विद्यते तत्र क्षीणभाग्यो पि वा नर: । कृशो वा मलिनो वापि द्वारवत्याङ्कथञ्चन ॥ आप ‘हरिवंश’ हैं भी?
Vyanjan Sandhi व्यञ्जन सन्धि या हल् संंधि – २ : सरल संस्कृत – १०
त्र्यम्बकम् . यजामहे . सुगन्धिम् . पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकम्. इव. बन्धनात् . मृत्योः . मुक्षीय . मा . अमृतात् ॥ इसमें बन्धनात् एवं मृत्योर्मुक्षीय की सन्धि में प्रथम शब्द के अन्तिम ‘त्’ के पश्चात मृत्यु का म् आया है अत: संधि पश्चात त् का परिवर्तन सवर्गी अनुस्वार न् में हो कर बन्धनान् हो जायेगा।उच्चारण शुद्धि हेतु श्री सूक्त में देखें।