Common Kingfisher मछरेंगा। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू, आर्द्र भूमि, माझा, अयोध्या-224001, उत्तर प्रदेश, July 30, 2019

Common Kingfisher मछरेंगा, छोटा-किलकिला

छोटा किलकिला का जो वर्ण नील-हरित सदृश दिखता है वह उसके पंखों में नहीं होता है अपितु प्रकाश के इन्द्रधनुष प्रभाव जैसे बनता है और इसीलिए प्रत्येक समय प्रत्येक कोंण से यह वर्ण सदैव भिन्न-भिन्न दिखाई देता है और वर्ण परिवर्तित होता सा लगता है। इसके नेत्र प्रकाश ध्रुवीकरण (light polarization) की क्षमता से युक्त होते हैं जिस कारण इसे जल सतह पर तीव्र सूर्य प्रकाश में भी सरलता से जलीय जन्तु दिखाई देते हैं एवं इसे मज्जन कर आखेट में समस्या नहीं आती।

Detachment अनासक्ति निर्णय कर्म

Detachment अनासक्ति निर्णय कर्म : सनातन बोध – ८७

Detachment अर्थात् अनासक्ति। इसका एक निष्कर्ष यह भी है कि आसक्ति में एवं भावना में बहकर कभी अर्थपूर्ण निर्णय और कार्य नहीं किए जा सकते। सहानुभूति के साथ-साथ अनासक्त अवलोकन की कहीं अधिक आवश्यकता है। तभी उसे करुणा तथा समुचित कर्म में परिवर्तित किया जा सकता है – स्वजनों के लिए भी एवं बृहत् स्तर पर मानवता के लिए भी, अन्यथा व्यक्ति सोचता ही रह जाएगा और चिंतित भी रहेगा।

सहज न समुझे कोय, तन्त्र के शिव-स्वरुप गुरु दत्तात्रेय आविर्भाव दिवस

सहज न समुझे कोय … क॒वयो॑ मनी॒षा

आज मार्गशीर्ष की पूर्णिमा है न? आज तन्त्र के शिव-स्वरुप गुरु दत्तात्रेय का आविर्भाव-दिवस है। और मेरा मन अखिल राष्ट्र को, तन्त्र की आदि-योनि स्वरूपा त्रिकोणाकृति इस भारत-भू की समस्त सनातन भारती-प्रजा को, भगवान् श्री दत्तात्रेय जयन्ती की अनन्त-अशेष हार्दिक शुभकामनायें देते हुए यह प्रार्थना कर रहा है –
ॐ सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः। भवे भवे नातिभवे भवस्व मां भवोद्भवाय नमः ॥
मैं सद्योजात की शरण हूँ, सद्योजात को नमस्कार है, जन्म-जन्मान्तरों के किसी भी जन्म में मेरा अतिभव – पराभव न हो! हे भवोद्भव! आपको मेरा नमस्कार है।

अमरकोश : कुछ प्रचलित शब्द : लघु दीप

Amarkosha अमरकोश, कुछ प्रचलित शब्द : लघु दीप – ३४

पहुना, पाहुन (भोजपुरी, मैथिली आदि), संस्कृत में प्राघुणक।
प्राघूर्णिक: प्राघुणकश्च। – अभ्यागत हेतु।
अमरकोश से निकलते, कुछ प्रचलित शब्द आज के लघु दीप में।

भारती संवत संवत्सर नाम

भारती संवत : संवत्सर नाम, मास एवं तिथियाँ (१, महाश्रावण, मास तप)

भारती संवत : संवत्सर नाम – इस वर्ष अस्त के पश्चात गुरु का उदय श्रावण नक्षत्र में होगा, अत: यह संवत्सर हुआ – महाश्रावण। मास : तप-मृगशिरा।
भारती संवत में महीना पूर्णिमा से आरम्भ हो कर शुक्ल चतुर्दशी को समाप्त होगा।
तिथि का गणित वही रहेगा जो है किन्तु यदि तिथि परिवर्तन सूर्योदय से सूर्यास्त के पूर्व कभी भी हो गया तो उस दिन वह तिथि मान ली जायेगी, भले उदया न हो। उदाहरण के लिये, कल पूर्णिमा सूर्य के रहते ही हो गई थी, अत: पूर्णिमा कल की मानी जायेगी।

Subsidised Higher Education सानुवृत्ति उच्च शिक्षा, गुणवत्ता ह्रास व दस्युवृत्ति : सनातन बोध – ६५

यह स्वाभाविक है कि शिक्षण संस्थाओं में असीमित समय तक यदि अनुदान मिले तो व्यक्ति को न ही उत्तीर्ण होने में रुचि होगी, न गुणवत्ता में। सनातन दर्शन में कुछ भी निःशुल्क प्राप्त करने या उसकी आकाँक्षा करने के स्थान पर कर्म से उपार्जन को श्रेष्ठ माना गया है।

Stop this fire यह आग रुकनी चाहिये।

हमारा समय ‘अवमुक्त’ समय है। अभिव्यक्ति स्वतन्त्रता के नाम पर, व्यक्ति की स्वतन्त्रता के नाम पर सामाजिक एवं धार्मिक निषेध बहुत तनु होते गये हैं। कहीं न कहीं हम अधिक स्वकेन्द्रित होते जा रहे हैं।

Valmikiya Ramayan प्रमदावन विध्वंसक हनुमान

sundarkand व्यर्थ ब्रह्मास्त्र : वाल्मीकीय रामायण – ४६ [हरीश्वरस्य दूत:]

अस्त्र से मुक्त होने पर भी हनुमान ने दर्शाया नहीं तथा राक्षस उन्हें घसीटते एवं बंधन में पीड़ित करते चले। वे क्रूर उन्हें लाठियों व मुक्कों से पीटते हुये रावण तक घसीट ले गये।

मुल्ला नसीरुद्दीन, विक्रमादित्य और ज्योतिष – प्रतीकों उलझी एक कहानी

मुल्ला नसीरुद्दीन, विक्रमादित्य और ज्योतिष …सूर्य के खगोलीय-अयन से संबंधित ज्योतिष की यह घटना भारतीय साहित्य में एक रोचक कथा का रूप धारण कर चुकी थी।

Demographic Jihad जनसंख्या जिहाद की चपेट में भारत

देश एक दिन में नहीं कटते बँटते, सरल भी नहीं होता किन्‍तु यह दारुण सत्य है कि किसी देश में मूलवासियों के धर्म, संस्कृति एवं आस्था का मर्दन करने के साथ साथ आक्रामक विनाशी विचारों की बाढ़ हो तथा बहुविध सुनियोजित षड्यंत्रों, योजनाओं के साथ उदारता एवं विधि विधानों का पूर्ण लाभ लेते हुये समूह लगे रहें तो विखण्डन साध्य हो जाता है। भारत इस सत्य का बड़ा प्रमाण है।

Illusory superiority ऐंद्रजालिक वरिष्ठता : सनातन बोध – 42

आधुनिक मनोविज्ञान के अनेकों अध्ययन निर्विवाद रूप से इस बात को सिद्ध करते हैं कि मनुष्य संज्ञानात्मक पक्षपात से अंधे होते हैं। मानसिक रूप से इस अंधेपन के साथ-साथ हमारे हठी एवं अतार्किक होने के भी प्रमाण मिलते हैं। यदि मनुष्य तार्किक एवं ग्रहणशील होते तो उन्हें तथ्यों को पढ़-समझ कर सत्य का आभास हो जाता तथा स्वयं की भ्रामक मान्यताओं को सुधारने में सहजता होती। परंतु ऐसा होता नहीं !

Long-Legged Buzzard मुसमार चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू आर्द्र भूमि, माझा, अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, November 30, 2018

Long-Legged Buzzard मुसमार

Long-Legged Buzzard मुसमार एक जड़ एवं स्थूल शरीर का पक्षी है जो किसी वृक्ष या टीले पर शान्‍त बैठा रहता है। देह का ऊपरी भाग पिङ्गल (भूरा),  डैने के सिरे तनु कृष्णाभ पिङ्गल एवं नीचे का भाग श्वेत।  उड़ते समय इसकी गोल पूँछ पसरी रहती है।

काशी में मोदी – सोशल मीडिया से : Tiny Lamps लघु दीप – 21

काशी में चल रहे विकास को ले कर आज कल लोग दो भागों में बँटे हुये हैं, कुछ समर्थन में हैं तो कुछ विरोध में। विकास कार्य जिस विश्वनाथ मन्दिर क्षेत्र में हो रहे हैं, उससे बहुत दूर लंका क्षेत्र में पुनर्निर्माण हेतु एक पुराने भवन को स्वामी द्वारा गिराये जाने एवं नवनर्माण के समय खुदाई के समय मिले अनेक अनगढ़ शिवलिंगों के मिलने से राजनीति तप उठी।

Valmiki Ramayan Sundarkand Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण

Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण -38, सुन्‍दरकाण्ड [सामर्थ्यादात्मन: च]

देवी सीता के वचन सुन कर वाक्यविशारद कपिश्रेष्ठ हनुमान को सन्तोष हुआ एवं कहने लगे,” हे शुभदर्शना देवी ! आप ने जो कुछ कहा वह एक साध्वी एवं विनयसम्‍पन्न स्त्री के स्वभाव अनुसार है। पीठ पर अधिष्ठित हो विस्तीर्ण शतयोजनी सागर पारने में एक स्त्री समर्थ नहीं ही होगी।