अनन्ता वै वेदाः
‘अनन्ता वै वेदाः’, वेदों में ४ प्रकार के अनन्तों की चर्चा है
‘अनन्ता वै वेदाः’, वेदों में ४ प्रकार के अनन्तों की चर्चा है
Protect yourself from data thieves! यदि आप अपनी निजी सूचनाओं के प्रति किञ्चित भी असावधान हुए तो उन्हें कोई भी उड़ा सकता है। कुछ दिनों पहले एक बड़े अधिकारी ने अपना आधार नंबर सार्वजनिक रूप से ट्विटर पर देकर सब को चुनौती दी कि उनकी निजी सूचनायें कोई सार्वजनिक कर सके तो करे।
मनोवैज्ञानिक इसे मानसिक व्याधियों से जोड़ते हैं, प्रमुख हैं – व्यग्रता (anxiety) एवं अवसाद (depression), सबका केंद्र –आत्म आसक्ति जिसकी जड़ – अहम (ego) !
Vishnu Puran विष्णुपुराण तब अपना रूप प्राप्त कर चुका था जब परशुराम संज्ञा प्रचलित हो गयी थी, तथा राधा से सम्बंधित सम्प्रदाय अभी भविष्य के गर्भ में थे।
Spotted Dove चित्रपक्ष के प्रसूति काल में मादा के कण्ठ स्थान पर दूध जैसा पदार्थ निस्सृत होता है जिसे बच्चे चोंच से पीते हैं। यह जल भी चूस-चूस कर पीता है।
एशियाई सभ्यताओं में पारस्परिक सम्पर्क, विशेषकर बौद्ध मत के कारण, अनेक समानतायें पाई जाती हैं । देखना है कि मघा के पाठक उनका कितना अभिज्ञान कर पाते हैं!
Black-Winged Stilt गजपाँव उत्तर भारत का बारहमासी पक्षी है जो जाड़ा आने पर पूरे देश में फैल जाता है। छिछले जलाशयों में कीड़े घोंघे का शिकार करते मिल जाता है।
शक के विभिन्न अर्थ-मन्त्रों के प्रसंग (संस्था) या विनियोग के अनुसार अर्थ होंगे।
Find your passion! Is it so? हमें अपनी एक विशेष रुचि ‘पैशन’ ढूंढना होता है या फल की इच्छा बिना कर्म करना होता है। नए शोध सनातन दर्शन की ओर झुकते दिखाई पड़ते हैं।
अस्तित्त्व को जूझते एक अज्ञात गाँव की साधारण सी लड़की इस प्रकार एक नृजाति के अस्तित्त्व के सङ्कट को वैश्विक स्तर पर रेखाङ्कित कर देगी! इस लघु दीप को नमन।
अनुकम्पा और मोह से अनासक्त हो वस्तुनिष्ठ होने की बात है। भ्रान्ति से परे सम्बन्धों और संसार को समझने की बात है, सुखमय प्रेम और दाम्पत्य के लिए ।
Purple Heron लाल अञ्जन को नील लोहित रंग राजन्य एवं फ़ीनिक्स पक्षी से जोड़ता है। चतुरता से जल सतह पर पंख पत्ता रख ध्यानमग्न हो मछली की प्रतीक्षा करता है।
मैं अपना घर जलाकर निकला हूँ। तुम यदि अपना जीवन अपने परिवार के साथ सुख से जीना चाहते हो तो मेरे आत्मसम्मान से मत टकराओ, वीर सावरकर ने कहा।
पितृविसर्जन हो गया जो आगत एक वर्ष हेतु हमें अपने मूल से जोड़ उद्योग रत होने की ऊर्जा दे गया कि हम उन्नति करेंगे तो पितरों का भी सम्मान बढ़ेगा एवं वे ‘तृप्त’ होंगे। जहाँ यह पक्ष कर्मकाण्डीय तिलाञ्जलि द्वारा उनकी तृप्ति का प्रतीकात्मक आयोजन होता है, वहीं शेष वर्ष के 23 पक्ष अपने कर्मों द्वारा उन्हें तृप्त करने के होते हैं।
तीर्थंकर युधिष्ठिर की ७ पीढ़ी पश्चात सरस्वती नदी सूख गयी तथा गंगा की अप्रत्याशित बाढ़ में हस्तिनापुर बह गया एवं पाण्डव राजा निचक्षु कौसाम्बी आ गये।
नारद साक्षात यम से पूछते हैं कि वेदपवित्र जन से शूद्रों को बहिष्कृत कर रखा है। उनके लिये जो श्रेयस्कर है, जो हितकर कर्म हैं, बतायें, जो उन्हें करना चाहिये।
देवी देवताओं की ही भाँति वाहन बना निज आरोहण का प्रकट आह्वान था तो ‘शोभने’ सम्बोधन में मानों सङ्केत भी था कि ऐसा करना अशोभन होगा, मैं तो प्रस्तुत हूँ !
समर्पणवादी बौद्धिकता का ऐसा उदाहरण विश्व इतिहास में ढूँढ़े नहीं मिलेगा। इसके दबाव में शिक्षित और बुद्धिजीवी वर्ग का बहुत बड़ा भाग ऐसा है जो नाम से हिंदू है परंतु अपने को हिंदू कहने में लज्जित अनुभव करता है। … भारतीय मुसलमान स्वयं मुसलमान बने रहते हुए हिन्दू प्रत्याशियों को ‘सेक्युलर’ होने का प्रमाणपत्र बाँटता या छीनता रहता है।
बेड़ियों में बद्ध सावरकर ने हँसते हुए अंग्रेजी में उससे कहा, “नियति ने मुझे और तुम्हें पुन: मिलाया है जॉन। तुम्हें नासिक के भगूर गाँव की उस साँझ की स्मृति होगी, जब तुम ने गाँव के खेलते हुए बच्चों के हाथ से एक असि छीनी थी और कहा था यदि यह पूर्वजों की पराक्रमी असि तुम्हारी है तो कुछ पराक्रम कर दिखाओ! तो कहो मेरा पराक्रम कैसा लगा है तुम्हें?