Nīti-Sāraḥ नीतिसार : Tiny Lamps लघु दीप – 26
Nīti-Sāraḥ नीतिसार : Tiny Lamps लघु दीप – 26 विद्वानेव विजानति विद्वज्जनपरिश्रमम् ।न हि वन्ध्या विजानाति गुर्वीं प्रसववेदनाम् ॥
Nīti-Sāraḥ नीतिसार : Tiny Lamps लघु दीप – 26 विद्वानेव विजानति विद्वज्जनपरिश्रमम् ।न हि वन्ध्या विजानाति गुर्वीं प्रसववेदनाम् ॥
CoViD-19 और भारतीय मीडिया – मनोरोगी व क्षुद्र अनियंत्रित नागरिकों से भरी इकाई नहीं, सुव्यवस्थित समूह जो निज-हित की प्राथमिकताओं से बद्ध हो।
गूगल सर्च इंजन लेख के शीर्षक, यूआरएल, प्रथम पैरा के वाक्य लेख के कीवर्ड आदि से लेख के विषय को तौलने का प्रयास करता है। इसी से निश्चित करता है कि कौन से लेख किस विषय से सम्बंधित हैं और कितने अधिक सम्बंधित हैं जिन्हें किसी और के द्वारा ढूंढें जाने पर परिणाम में दिखाना है और किस क्रम में दिखाना है।
हनुमान सागर को एक विशाल जलपोत की भाँति पार कर रहे हैं। आकाश, क्षितिज और सागर मिल कर कैसा दृश्य उपस्थित कर रहे हैं!
सूर्य और चन्द्र दोनों दिख रहे हैं।
सहेली लगभग ६ इंच का छोटा सा सुन्दर पक्षी है जो युगल में या लघु झुण्ड में पेड़ों के ऊपर फुदकते हुए देखा जा सकता है। इसकी चोंच और पंजे कृष्ण वर्णीय तथा नेत्र गोलक भूरा होता है।
Hindu Time Reckoning हिन्दू कालगणना, ग्रहों को अहोरात्र की होराओं का स्वामित्व नहीं सौंपा गया था। कालनिर्धारण की सबसे सटीक काल-यंत्र पृथ्वी ।
बोलिये सुरीली बोलियाँ – भारत के पाँवों में शिलाओं के समान बँधे हुये भारी शब्दों पर विचार व मनन होने चाहिये एवं आवश्यकता पड़े तो उनका त्याग भी। हम सभी विनाश के सम्मोहन में पड़े हुये विकास, अभ्युदय, कल्याण आदि के प्रलाप करते हुये अनियंत्रित, अमर्यादित,अनियोजित लड़खड़ाते हुये चले जा रहे हैं। ऐसे में भारत तिल तिल मरता व मारा जाता रहेगा।
Consciousness चैतन्य व योगवासिष्ठ समुद्र-तरंग, सर्प-रस्सी, घट-आकाश, यन्त्र पुतली, अनेक स्वाँग धरने वाला नटुआ, वर्षाकाल का एक ही मेघ नानारूप। वस्तुओं और घटनाओं का स्वरूप मस्तिष्क द्वारा निर्मित होता है। इसका अर्थ यह नहीं कि वे वस्तुयें हैं नहीं परंतु यह है कि वे हमारे मस्तिष्क के लिए उस आभासी रूपों में हैं जिनमें उन्हें वह देखना चाहता है।
महत्त्वपूर्ण है कि प्रतिकूल समाचारों को सकारात्मक समाचारों तथा अध्ययनों से संतुलित करना। अधिकारिक एवं प्रामाणिक समाचारों (Aarogya Setu) पर ही विश्वास करना तथा दिनचर्या में समाचारों के लिए भी एक समय सीमा निर्धारित करना। यदि मानव मस्तिष्क समाचारों से सचेत एवं चिंतित होने के आदी हैं तो ऐसे में समाचारों के स्रोत को छानना भी स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है।
मानवता के सामने आये कठिनतम समय का उजला पक्ष यह है कि मृत्योर्माऽमृतङ्गमय, और तमसो मा ज्योतिर्गमय के संदेश का देश आशामय है और संसार की सर्वाधिक गहन तथा दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या के बावजूद न केवल रोग को नियंत्रण में रखे हुए है बल्कि अपने देश के साथ-साथ पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी आपदाग्रस्त देशों से सफलतापूर्वक बाहर निकालकर लाया है।
Oriental Honey Buzzard मधुबाज़, लगभग २८ इंच का चील के बराबर का व्याध (शिकारी) पक्षी है। मधु व मधुमक्खियां प्रिय भोज्य होने से यह नाम मिला है।
Sundarkand सुंदरकांड – ५२ : स्वयं को धिक्कारते चले गये, यदि दग्धा त्वियं लङ्का नूनमार्याऽपि जानकी। दग्धा तेन मया भर्तुर्हितं कार्यमजानता॥
जिस प्रकार बहुदेववाद को भ्रम की भाँति न देखते हुए अपने इष्ट का चुनाव कर स्वयम की साधना/श्रम/लगन पर ध्यान देना ही सफलता दिलाने में सहायक होता है, उसी प्रकार कोई अकेला प्रसिद्ध विषय या प्रोग्रामिंग भाषा का चयन अपने आप से सफलता नहीं दिलाता। मूल मन्त्र एक ही है – आलस्य त्याग कर श्रम, साधना प्रारम्भ करने पर ही आपको अपना अभीष्ट प्राप्त होगा। उसी से चाहे आपके देवता हों या विषय, प्रसिद्ध और विकासमान होते हैं।
सूचनाएँ जो फाइल की बारे में बताती हैं, जो उससे जुडी हुयी होती हैं उन्हें तकनीकी रूप से metadata कहा जाता है। अर्थात डेटा का भी डेटा या डेटा के बारे में डेटा। तकनीकी जगत में डिजिटल उत्पादों के मेटाडाटा संलग्न करने हेतु कुछ मानक निर्धारित किया गए हैं। EXIF, IPTC, XMP आदि नाम उन मानकों के ही हैं।
अध्ययनों के संदेश सरल हैं। लोगों को उनके मूल्यों की स्मृति दिलाना कि यह एक सामूहिक प्रयास है – वे विवेकपूर्ण कार्य करने का जो हमें सदा करना चाहिए। पृथक रहना पड़े तो उन छोटी छोटी बातों को करने का अवसर जो हमें प्रसन्नता देती हैं।
श्रीराम जन्मोत्सव रामनवमी : यह प्रस्तुति अव्यावसायिक है एवं इसका उद्देश्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जन्मोत्सव पर जनरञ्जन मात्र है। कृपया व्यावसायिक उद्देश्य या किसी भी प्रकार के आर्थिक, वस्तु लाभादि के लिये इसका प्रयोग न करें।
आपदा की छाया में नवसंवत्सर आया है। वासंतिक नवरात्र का ऐसे समय में प्रारम्भ हो रहा है। आवश्यक है कि वे जो उपर्युक्त से क्षुब्ध रहते हैं, वे आत्ममंथन व मनन कर वह धारा प्रवाहित करें जो सबको सोचने पर विवश करे। शुभमस्तु।
छोटा पोदेना हमारे देश में शीत ऋतु में, अक्टूबर तक, हिमालय पर्वत पार करके भारत प्रवास पर आकर पूरे देश में छा जाता है और शीत ऋतु का प्रभाव अल्प होने के साथ ही अपने मुख्य निवास स्थान पेलार्क्टिक क्षेत्र और पूर्वी यूरोप पुन: लौट जाता है।
हमें मित्र से अभय हो, अमित्र (शत्रु) से अभय हो, जिसको जानते हैं उससे अभय हो, जिसको नहीं जानते उससे भी अभय हो, रात्रि में भी अभय हो, दिन में भी अभय हो, समस्त दिशायें हमारी मित्र हों अर्थात् हमें सब काल में सभी ओर से निर्भयता प्राप्त हो।
यदि ऐसा सोचें तो नकारात्मक भ्रांति कहाँ टिक पाएगी!
Black Redstart थरथरकंपा बहुत ही शर्मीला और सतर्क पक्षी होता है। जो शीत ऋतु में मैदानी क्षेत्रों में प्राय: अपनी पूंछ को कंपकंपाते हुए देखा जा सकता है। इसीलिए इसका नाम थरथर कंपा पड़ा है।