लघु दीप अँधेरों में tiny lamps in darkness – 5

लघु दीप अँधेरों में tiny lamps in darkness : देसी जलवायु में सहस्राब्दियों तक विकसित होने के कारण धान की इन प्रजातियों में भिन्न भिन्न औषधीय गुण पाये जाते हैं।

नवसंवत्सर ‘विरोधकृत’, ऋग्वेद, गुरु एवं शनि का अङ्कगणित, स्टीफेन हॉकिंग Hindu New Year

नवसंवत्सर विरोधकृत, Hindu New Year वर्षा के पश्चात शरद आना ही है, गैलिलियो के पश्चात वैसे ही किसी को आना ही है, कोई आइंस्टीन था तो उसका रूप अब भी होना ही चाहिये! नहीं? समस्या यह भी है कि हम अपने यहाँ आर्यभट भी होना ही चाहिये, कौटल्य आना ही चाहिये; नहीं सोचते। उनके यहाँ संयोग मनाने की दिशा भी भिन्न है।

आदिकाव्य रामायण से – 26, सुन्‍दरकाण्ड […तथाऽहमिक्ष्वाकुवरं रामं पतिमनुव्रता]

आदिकाव्य रामायण : उन जाज्वल्यमान नारियों के उदाहरण सीता ने दिये, जो भार्या मात्र नहीं रहीं, अपने सङ्गियों के साथ प्रत्येक पग जीवनादर्शों हेतु संघर्षरत रही थीं। ऐसा कर मानुषी सीता ने भोग एवं भार्या मात्र होने के प्रलोभन की तुच्छता स्पष्ट कर दी थी।

Frequency Illusion आवृत्ति भ्रान्ति : सनातन बोध – 23, Baader-Meinhof Phenomenon

Frequency Illusion आवृत्ति भ्रान्ति : पहला, चयनित ध्यान (selective attention) जब हम किसी नयी बात पर अटक जाते हैं तब अवचेतन मन उस वस्तु को ढूँढ़ता रहता है। दूसरा, पुष्टिकरण पक्षपात (confirmation bias) जिससे हर बार उस वस्तु के दिखने पर इस भ्रम की पुष्टि होती है कि अत्यल्प काल में ही वह बात सर्वव्यापी हो गयी है।

Large Pied Wagtail, White-Browed Wagtail, ममोला खञ्जन, चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सुहेलवा, पूर्वी बालापुर गाँव, राजा सुहेलदेव वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, निकट नेपाल सीमा, जिला श्रावस्ती, उत्तर प्रदेश, February 03, 2018

Large Pied Wagtail, White-Browed Wagtail, ममोला खञ्जन

ममोला खञ्जन बहुत ही परिचत पक्षी है जो देश छोड़कर नहीं जाता है। यह पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर लगभग हर जगह तथा हिमालय में ५००० फ़ुट की ऊँचाई तक पाया जाता है। खंजन बहुत ही चंचल, मीठी बोली वाला और मनमोहक पक्षी है। इसका कवियों ने भी समय-समय पर अपने काव्य में वर्णन किया है। ममोला खंजन, सफ़ेद खंजन से थोडा बड़ा होता है।

Himalayan Griffon Vulture हिमालयी पहाड़ी गिद्ध, चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सुहेलवा, पूर्वी बालापुर गाँव, नेपाल सीमा के निकट, जिला श्रावस्ती उत्तर प्रदेश, February 3, 2018

Himalayan Griffon Vulture हिमालयी पहाड़ी गिद्ध

Himalayan Griffon Vulture हिमालय की ऊंचाईयों के भी उपर आकाश में उड़ता एक पहाड़ी गिद्ध है। जो बर्फीली हवाओं को चीरते हुए अपनी तीक्ष्ण दृष्टि से शायद किसी मृत पशु या व्यक्ति की प्रतीक्षा में विचरण कर रहा है। पढ़िए इस बार आजाद सिंह कि चिरईया शृंखला में हिमालयी गिद्ध के बारे में।

Miswanting या इच्छा का मिथ्यानुमान : सनातन बोध – 21

Miswanting या इच्छा का मिथ्यानुमान : सुनने में असहज प्रतीत होता है कि भला हम मिथ्या  इच्छा  (miswant) कैसे कर सकते हैं? यह सोचें कि भविष्य में आपको किन बातों से सुख प्राप्त हो सकता है? जब इस प्रश्न के बारे में हम यह सोचते है तो प्रायः उन बातों के बारें में सोचते हैं जिनके होने से हमें वास्तविक सुख प्राप्त नहीं होना।

समय प्रबंधन time management कुछ सूत्र – एक दिन में 40 घण्टे कैसे (ऑडियो – 1)

(पूर्वप्रकाशित लेख का ऑडियो संस्करण) समय प्रबंधन के कुछ सूत्र: आप कितने भी सक्षम हों, कितने बड़े तुर्रमखाँ हों, अपने को अलादीन के चिराग़ का जिन्न न समझें। डेलीगेशन अर्थात प्रतिनिधित्व आपका उद्धारक है। व्यवस्था के पदानुक्रम में अपना स्थान पहचानिये। अपने उत्तरदायित्व को समझकर भी सब कुछ अपने हाथ में रखने का प्रयास न करें।

Little by little and bit by bit

लघु दीप अँधेरों में tiny lamps in darkness – 3

लघु दीप अँधेरों में tiny lamps in darkness : मँड़ुवा उगा हानिकारक गोली एवं कृत्रिम पूरक रसायनों के स्थान पर प्राकृतिक कैल्सियम तथा मेथायनीन को अपने आहार में इसकी रोटी या दलिया या भाकरी के रूप में स्थान दीजिये। हड्डियों की निर्बलता osteoporosis तथा यकृत के रोग बढ़ रहे हैं न!

Shiva Linga Skanda

Shiva Linga Skanda शिव, लिङ्ग, स्कन्‍द [पुराण चर्चा-1, दशावतार एवं बुद्ध-4]

shiv linga skanda शिव, लिङ्ग एवं स्कन्‍द पुराण : दक्ष का यज्ञ ध्वंस साङ्केतिक भी है। शिव के लिये प्रयुक्त शब्द अमंगलो, अशिव, अकुलीन, वेदबाह्य, भूतप्रेतपिशाचराट्, पापिन्,  मंदबुद्धि, उद्धत, दुरात्मन् बहुत कुछ कह जाते हैं। इस पुराण के वैष्णव खण्ड में यज्ञ के अध्वर रूप की प्रतिष्ठा की गयी है, पशुबलि का पूर्ण निषेध है।   

मरते भाषा-शब्द, कृत्रिम अण्ड, पुरुष के अस्तित्त्व सङ्कट के साथ बसन्त

मरते भाषा-शब्द : अ-कृत्रिम शिशुओं के जन्म की सम्भावनायें तो हैं ही, अ-कृत्रिम इस कारण कि वे रोबो न हो कर हाड़ मांस के मानव ही होंगे। उस समय क्या होगा? शब्द, भाषा, लिङ्ग इत्यादि के लुप्त होने, निज हस्तक्षेप एवं अवांछित उत्प्रेरण होने को ले कर आज का मनुष्य कितना सशङ्कित है! क्यों है?

Valmikiya Ramayan प्रमदावन विध्वंसक हनुमान

आदिकाव्य रामायण से – 24 : सुन्‍दरकाण्ड, [तृणमन्तरतः कृत्वा – तिनके की ओट से]

आदिकाव्य रामायण से – तिनके की ओट से पर स्त्रियों के अपहरण एवं बलात्कार को अपना धर्म बता कर रावण उस परम्परा का प्रतिनिधि पुरुष हो जाता है जो आज भी माल-ए-ग़नीमत की बटोर में लगी है। येजिदी, कलश नृजातीय स्त्रियों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं! उन अत्याचारियों के लिये भी पराई पीड़ा का कोई महत्त्व नहीं, केवल लूट की पड़ी है।

समय प्रबंधन के कुछ सूत्र time management – एक दिन में 40 घण्टे, अंतिम भाग

उत्पाद को प्रथम 80 प्रतिशत स्वरूप में लाने तक यदि 20 प्रतिशत समय लगता है और शेष 20% में 80% समय तो पहले 80% को स्थायित्व देने का प्रयास किया जाना चाहिये। और उस बचे हुए 80% समय को चार अन्य कार्यों को 80% स्थायित्व देने में प्रयोग कीजिये। लड्डू खाने में रसना रञ्जक हों, उनका आकार भले ही कलाकंद जैसा हो।

इसरो ISRO – नई सोच की आवश्यकता

इसरो ISRO : ऊर्जा बढ़ानी होगी, अंतर पाट कर ऊँची कक्षा में जाना होगा। ‘विकसित’ होता भारत स्वयं की प्रतीक्षा में है, अपने अंतरिक्षीय दूरदर्शी यंत्र की प्रतीक्षा में है कि पौराणिक काल यात्राओं को आधुनिक समय के मानकों के अनुसार अनुभूत कर सके, अपनी अपार सम्भावनाओं से गँठजोड़ कर सके।

Little by little and bit by bit

Little by little and bit by bit छोटे छोटे हजार दीप – 1

उत्तरी इङ्ग्लैण्ड के लीड्स नामक नगर मेंं निर्धनता के कारण 10 वर्ष से अधिक आयु की बहुत सी लड़कियाँ माहवारी के समय प्रति माह एक सप्ताह विद्यालय नहीं जातीं। विकसित देश ब्रिटेन में भी ऐसा है।

puran-vishnu-dashavatar-buddha-parashuram-3

Brahmand Vayu Brahma ब्रह्माण्ड, वायु, ब्रह्म पुराण, [पुराण चर्चा -1, (राधा, परशुराम), विष्णु दशावतार तथा बुद्ध – 3]

राम जामदग्नेय को प्रतिहिंसक द्वेषी दर्शाया गया है जिसका विस्तृत विवरण ब्रह्माण्ड पुराण में अन्यत्र कहीं से ला कर जोड़ा गया है। इसकी पूरी सम्भावना है कि उस स्वतंत्र पाठ को विकृत करने के पश्चात जोड़ा गया।

Red Whiskered Bulbul, बुलबुल, चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, अवधपुरी कॉलोनी फैजाबाद उत्तर प्रदेश, June 8, 2017

Pycnonotus jocosus बुलबुल

रक्त श्मश्रु गोवत्सक, बुलबुल Pycnonotus jocosus : इसे घने वन प्रांतर नहीं भाते।  झाड़ियों से भरे हुए मैदान, उद्यान, बस्तियों के आसपास के खेत एवं खुले सपाट क्षेत्र प्रिय हैं। यह बहुत ही प्रसन्न रहने वाली चिड़िया है जो मीठी बोली बोलती है तथा जिस स्थान से इसे लगाव हो जाता है वहाँ इसे बहुतायत में देखा जा सकता है।

वाद्यवृन्द वाहन प्रभाव bandwagon effect (समूह अनुकरण) : सनातन बोध – 19

वाद्यवृन्द वाहन प्रभाव bandwagon effect : राशिफल और ज्योतिष भविष्यवाणी करने वाले कुछ इस प्रकार की बातें करते हैं जो सबके लिए ही सच होती हैं पर हम उसे अपनी बातों से जोड़कर देख लेते हैं और हमें सब कुछ सच लगता है. ये फ्रेमिंग प्रभाव (framing effect) की ही तरह है जिसकी चर्चा हम पिछले एक लेखांश में कर चुके हैं.

विशेषज्ञों की भ्रांतियाँ Illusions of pundits : सनातन बोध – 17

Illusions of pundits theory. क्या मनोवैज्ञानिक पक्षपात से परे होते हैं? क्या उनके मस्तिष्क लोगों और स्वयं के वास्तविक स्वरूप को समझ पाते हैं? अध्ययनों में इसके रोचक परिणाम मिले हैं। सनातन बोध : प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 1  , 2, 3, 4 , 5 , 6, 7, 8, 9 , 10, 11,12, 13, 14 , 15 , 16…

सप्ता दियो सुहाग ! – सप्तमातृका

सप्ता दियो सुहाग ! प्रतिभा सक्सेना का मघा में पहला लेख है।  हिन्दी भाषा में परम्परा से चले आते कुछ ऐसे शब्द हैं जिनका समय के प्रवाह एवं परिस्थितियों के चक्र में पड़ कर बहुत अर्थोपकर्ष हो चुका है। सामाजिक परिवर्तनों तथा सांस्कृतिक अवमूल्यन के कारण शब्द भी अपनी व्यञ्जना शक्ति और प्रभावशीलता खो कर…